अमेरिका ने तीन दशक से भी अधिक समय बाद एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए B61-12 टैक्टिकल थर्मोन्यूक्लियर बम का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण बिना वारहेड वाले इनर्ट बम (inert bomb) के साथ किया गया था, लेकिन इसके जरिए अमेरिका ने विश्व मंच पर अपनी तकनीकी क्षमता और परमाणु विश्वसनीयता का स्पष्ट संदेश दिया है।
अमेरिकी ऊर्जा विभाग के तहत आने वाली सैंडिया नेशनल लेबोरेट्रीज़ ने पुष्टि की है कि यह परीक्षण 19 से 21 अगस्त के बीच नेवादा टेस्ट साइट पर किया गया। इस परीक्षण में अत्याधुनिक F-35A स्टेल्थ फाइटर जेट का उपयोग किया गया, जो इस बम की सामरिक उपयोगिता को दर्शाता है।
F-35A से सटीक डिलीवरी और थर्मल प्रीकंडीशनिंग
परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, F-35A फाइटर जेट ने B61-12 के इनर्ट वर्जन को सुरक्षित दिशानिर्देशों के बीच उड़ाया और तय लक्ष्य पर सटीकता से गिराया। यह संयुक्त परीक्षण नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NNSA) के साथ मिलकर किया गया था।
इस परीक्षण की एक सबसे दिलचस्प और नई बात यह रही कि इसमें पहली बार थर्मल प्रीकंडीशनिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया।
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उद्देश्य: इस तकनीक के तहत, बम के जॉइंट टेस्ट असेंबली को अत्यधिक तापमान बदलावों से गुजारा गया।
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महत्व: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वास्तविक युद्ध की कठिन परिस्थितियों और चरम मौसमी बदलावों में भी यह हथियार पूरी तरह से सक्षम और विश्वसनीय बना रहे। F-35A के साथ ऐसा प्रयोग पहले कभी नहीं हुआ था।
B61-12 बम: सामरिक लचीलापन
B61-12 अमेरिका के पुराने लेकिन अत्यंत भरोसेमंद B61 न्यूक्लियर बम परिवार का सबसे नया और उन्नत वर्ज़न है। यह श्रृंखला 1968 से अमेरिकी सेना की सेवा में है।
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प्रकार: यह हवा से गिराया जाने वाला न्यूक्लियर ग्रेविटी बम है।
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लॉन्च प्लेटफॉर्म: इसे B-2A, F-15E, F-16, PA-200, F-35 और आने वाले B-21 जैसे विभिन्न विमानों से लॉन्च किया जा सकता है।
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तकनीकी विशेषता: B61-12 करीब 12 फीट लंबा है और इसका वजन लगभग 825 पाउंड (374 किलोग्राम) होता है। इसे दो तरह से लक्ष्य को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है—ग्रेविटी मोड (सीधे गिराना) और गाइडेड मोड (सटीकता से निर्देशित हमला)।
B61-12 को पुरानी परमाणु तकनीक की तुलना में अधिक सुरक्षित, ज्यादा सटीक और सामरिक रूप से अधिक लचीला बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
20 साल बढ़ी बम की उम्र और F-35 की क्षमता
सैंडिया ने जानकारी दी कि B61-12 का सर्विस लाइफ एक्सटेंशन प्रोग्राम 2024 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा, जिससे इन बमों की परिचालन उम्र 20 साल तक बढ़ जाएगी। यह अमेरिका को अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाए बिना भी आने वाले वर्षों में रणनीतिक बढ़त बनाए रखने में मदद करेगा।
मार्च 2024 में अमेरिका ने F-35A को आधिकारिक तौर पर B61-12 ले जाने और गिराने की अनुमति दे दी थी। इससे F-35A एक ड्यूल-कैपेबल विमान बन गया, जो अब पारंपरिक हथियारों के अलावा परमाणु हमला करने की क्षमता भी रखता है, जिससे अमेरिकी रक्षा और हमले की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।