बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों, विशेष रूप से उनकी पार्टी आवामी लीग, ने देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूनुस द्वारा आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने और हसीना पर मुक़दमे दर्ज किए जाने के बाद यह राजनीतिक तनाव चरम पर पहुँच गया है।
एक ओर जहाँ हसीना के समर्थक बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शेख हसीना दिल्ली से बैठकर बड़ा राजनीतिक खेल करने की तैयारी में हैं। वह लगातार दिल्ली से मोहम्मद यूनुस पर निशाना साध रही हैं और उन्होंने देश में हुए तख्तापलट के लिए अमेरिका और पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आवामी लीग का उग्र प्रदर्शन
शेख हसीना पर मुक़दमे दर्ज होने और उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में आवामी लीग के समर्थकों के तेवर दिन-ब-दिन तीखे होते जा रहे हैं। उनका यह विरोध अब केवल आवामी लीग तक सीमित नहीं है, बल्कि कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी भी यूनुस सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहा है।
शुक्रवार को आवामी लीग का प्रदर्शन और उग्र हो गया, जब कार्यकर्ताओं ने राजधानी ढाका समेत 5 जिलों में हाईवे जाम कर दिए। इन प्रदर्शनकारियों की मुख्य माँगें हैं:
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शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएँ।
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फरवरी के महीने में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाए।
प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान भी तैनात किए गए, जिसके कारण कई जगहों पर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिससे तनाव और बढ़ गया।
ढाका में विस्फोट और जमात का अल्टीमेटम
विरोध प्रदर्शनों के बीच तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ाते हुए, शुक्रवार तड़के ढाका में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दो बम विस्फोट भी हुए। राजधानी ढाका में पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री के 400 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं।
शेख हसीना के समर्थकों के साथ अब जमात-ए-इस्लामी भी यूनुस सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है। जुमे की नमाज के बाद ढाका की बड़ी मस्जिद में, जमात के नायब-ए-अमीर सैयद अब्दुल्ला ने यूनुस सरकार को अल्टीमेटम देते हुए माँग की कि जनमत संग्रह (रेफरेंडम) अगले महीने कराया जाए और इसे फरवरी में होने वाले चुनाव के साथ न जोड़ा जाए।
इन मुश्किलों में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी (BNP) भी कूद गई है। पार्टी ने शुक्रवार को यूनुस सरकार पर महिला सुरक्षा में हुई चूक को लेकर हमला बोला और ढाका में एक बड़ी रैली की।
अवामी लीग पर प्रतिबंध हटने का भविष्य
यूनुस सरकार पर आवामी लीग के समर्थक लगातार दबाव बना रहे हैं कि पार्टी से प्रतिबंध हटाया जाए। इसके बावजूद, मोहम्मद यूनुस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल प्रतिबंध नहीं हटाएँगे। उन्होंने यह बात बांग्लादेश के दौरे पर आईं ब्रिटिश मंत्री जेनी चैपमैन से मुलाकात के दौरान कही।
शेख हसीना की आवामी लीग पर मई 2025 से प्रतिबंध लागू है। इस प्रतिबंध को हटाने के लिए पार्टी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास कर रही है और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के हेग मुख्यालय में अर्जी लगाई गई है।
बांग्लादेश में यह राजनीतिक अस्थिरता मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि एक तरफ उन्हें शेख हसीना के मजबूत समर्थक वर्ग का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कट्टरपंथी समूह और विपक्षी दल भी विरोध में उतर आए हैं।