भारत आने से पहले ट्रंप के सलाहकार से मिलेंगे पुतिन, क्यों अहम है दोनों की मीटिंग?

Photo Source :

Posted On:Monday, December 1, 2025

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने आगामी भारत दौरे से ठीक पहले एक महत्वपूर्ण राजनयिक मुलाकात करने वाले हैं, जिसका सीधा संबंध रूस-यूक्रेन शांति समझौते और इस डील पर अमेरिका के संभावित रुख से है। रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति पुतिन 4 और 5 दिसंबर को होने वाले अपने भारत के राजकीय दौरे से पहले अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात करेंगे।

यह बैठक मॉस्को के क्रेमलिन में रूस-यूक्रेन शांति वार्ता को केंद्र में रखकर होगी। अमेरिकी योजनाओं से परिचित अधिकारियों के अनुसार, जेरेड कुशनर और व्हाइट हाउस के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ सोमवार को मॉस्को पहुँच रहे हैं, जहाँ उनकी मुलाकात मंगलवार को राष्ट्रपति पुतिन से होने वाली है। विटकॉफ, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार भी हैं, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए ट्रंप की 28-सूत्रीय शांति योजना को आगे बढ़ा रहे हैं।

यूक्रेन के बाद रूस से बातचीत

इससे पहले, विटकॉफ, कुशनर और विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने रविवार को फ्लोरिडा में यूक्रेनी प्रतिनिधियों के साथ लंबी बैठक की थी। इस बैठक में ट्रंप की शांति योजना पर विस्तार से चर्चा हुई थी। यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख, रुस्तम उमेरोव ने इस बातचीत को "उत्पादक और सफल" बताया।

डोनाल्ड ट्रंप ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों ही युद्ध को खत्म होते देखना चाहते हैं। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी युद्ध को समाप्त करने के लिए समय देने पर अमेरिकी टीम का आभार व्यक्त किया, लेकिन साथ ही "यूक्रेन की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को सुनिश्चित करने पर स्पष्ट ध्यान" देने की आवश्यकता पर जोर दिया। अब यूक्रेन के साथ रचनात्मक चर्चा के बाद, अमेरिकी टीम सीधे रूस के साथ बातचीत करने जा रही है।

🇮🇳 भारत के लिए क्यों अहम है यह बैठक?

भारत के लिए पुतिन और विटकॉफ के बीच होने वाली यह मुलाकात रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह बैठक पुतिन के नई दिल्ली के राजकीय दौरे से ठीक पहले हो रही है, जिससे भारत-रूस के द्विपक्षीय समझौतों पर इसका प्रभाव दिखना तय है।

  1. टैरिफ में कमी: रूस और अमेरिका के बीच तनाव कम होने की दिशा में यदि कोई प्रगति होती है, तो इसका सबसे बड़ा लाभ भारत को मिल सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव घटने से भारत के खिलाफ लगे 25% अमेरिकी टैरिफ कम हो सकते हैं।

  2. रक्षा सौदे: भारत की रूस से एस-500 मिसाइल प्रणाली और सुखोई-57 लड़ाकू विमान जैसे महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर अमेरिका का दबाव लगातार बना हुआ है। यदि रूस-यूक्रेन शांति की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाता है और अमेरिका का रुख नरम होता है, तो भारत पर लगने वाले अमेरिकी दबाव में कमी आ सकती है और यह रक्षा वार्ताएँ सुगम हो सकती हैं।

  3. द्विपक्षीय चर्चा: यह भी संभावना है कि पुतिन-विटकॉफ की इस हाई-प्रोफाइल मीटिंग में रूसी राष्ट्रपति के आगामी भारत दौरे और नई दिल्ली के साथ होने वाले संभावित समझौतों पर भी चर्चा हो सकती है।

संक्षेप में, यह बैठक केवल रूस-यूक्रेन संघर्ष तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक भू-राजनीति और विशेष रूप से भारत-रूस एवं भारत-अमेरिका संबंधों के संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है।


जमशेदपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. jamshedpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.