वेटिकन सिटी में दैवीय आभास से जुड़े धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जारी की गई नई गाइडलाइन, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Saturday, May 18, 2024

मुंबई, 18 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। वेटिकन सिटी में दैवीय आभास से जुड़े धोखाधड़ी और झूठ पर लगाम लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत सिर्फ उन्हीं आभासों को मान्यता दी जाएगी, जिन्हें कैथोलिक चर्च के हेड पोप खुद सुपरनैचुरल (चमत्कारी) मानेंगे। गाइडलाइन्स के मुताबिक, चर्च के पादरी सबसे पहले सभी दावों की जांच करेंगे। इस दौरान वे दावों को खारिज भी कर सकते हैं। साथ ही वे किसी चमत्कारी वस्तु या जगह की पूजा करने पर भी रोक लगा सकते हैं। पादरी इस बात की भी जांच करेंगे कि कहीं दैवीय आभास का दावा पैसे कमाने के लिए न किया जा रहा हो। इसके बाद सबूतों और जांच की डिटेल्स को पोप तक पहुंचाया जाएगा। फिर पोप तय करेंगे कि घटना वास्तव में चमत्कारी थी या नहीं।

दरअसल, कैथोलिक भक्त सदियों से वर्जिन मैरी और येशु की प्रतिमा से आंसू निकलने, किसी एक जगह पर चमत्कारी तरह से बीमारियों के ठीक होने जैसे दावे करते आए हैं। न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर इन आभासों को वैटिकन देश में लोगों के बीच कैथोलिक चर्च में बढ़ते विश्वास के तौर पर देखा जाता है। हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से ऐसे दावों के जरिए धोखाधड़ी की आशंका बढ़ गई है। दैवीय आभासों को लेकर वेटिकन सिटी में 1978 में कानून बनाया गया था, जिसमें अब बदलाव किया गया है। दुनियाभर में कई सदियों से ऐसा दैवीय आभासों के दावे होते रहे हैं। इनमें से जो घटनाएं सच साबित होती हैं, उसका साक्षी बनने के लिए पूरी दुनिया से तीर्थयात्री और पादरी उस जगह पर पहुंचते हैं।


जमशेदपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. jamshedpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.