मुंबई, 15 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सीरिया के दक्षिणी प्रांत स्वेदा में दो समुदायों के बीच जारी संघर्ष के बीच अब इजराइल भी सक्रिय हो गया है। मंगलवार को इजराइली सेना ने सीरियाई सरकार के सैन्य टैंकों को निशाना बनाकर हमला किया। यह हमला उस समय हुआ जब सीरियाई सुरक्षा बल ड्रूज मिलिशिया और सुन्नी बेदोइन जनजातियों के बीच हो रही हिंसक झड़पों को काबू करने पहुंचे थे। रिपोर्टों के अनुसार पिछले दो दिनों में इस हिंसा में लगभग 100 लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइल ने आरोप लगाया कि सीरियाई सेना ड्रूज समुदाय पर हमले के लिए बेदोइन पक्ष की मदद कर रही है। इस पर इजराइल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और स्वेदा के आसपास के इलाकों में सीरियाई बलों पर बमबारी की। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान में कहा कि इजराइल ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि इजराइली क्षेत्र और गोलान हाइट्स में ड्रूज समुदाय के साथ इजराइल के गहरे संबंध हैं।
दूसरी ओर, सीरिया के गृह मंत्रालय ने इस संघर्ष को सांप्रदायिक रंग देने से इनकार करते हुए कहा कि यह सरकार और अपराधियों के बीच की लड़ाई है, न कि किसी समुदाय विशेष के खिलाफ कार्रवाई। मंत्रालय ने यह भी माना कि स्वेदा में फैली अराजकता को काबू करने में सरकार असफल रही है। ड्रूज समुदाय, जो शिया इस्लाम की एक विशिष्ट शाखा से जुड़ा है, मुख्यतः सीरिया, लेबनान और इजराइल में फैला हुआ है। स्वेदा शहर ड्रूज बहुल क्षेत्र है और यहां ड्रूज मिलिशिया का नियंत्रण रहा है। इस समुदाय ने लंबे समय से सीरियाई सेना में शामिल होने से इनकार किया है, जिससे सरकार के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण बने रहे हैं। फिलहाल सीरिया में एक नई सुन्नी बहुल सरकार सत्ता में है, जिसने बशर अल-असद को अपदस्थ कर सत्ता संभाली है। हालांकि, इस सत्ता परिवर्तन के बाद भी शिया, ड्रूज, ईसाई और कुर्द जैसे अल्पसंख्यक समुदाय सरकार पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले मई महीने में भी इजराइली सेना ने दमिश्क स्थित राष्ट्रपति भवन के पास हमला किया था, जिसे अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखा गया था। हालांकि, अल-शरा ने यह स्पष्ट किया कि उनका ध्यान सीरिया के पुनर्निर्माण पर है और वे इजराइल के साथ किसी प्रकार के संघर्ष में रुचि नहीं रखते।