विश्व राजनीति के पटल पर इन दिनों शांति की एक नई बयार बह रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीजफायर (युद्धविराम) का ऐलान हुआ है, जिसने दशकों पुराने सीमा तनाव को एक बार फिर ठंडा करने का प्रयास किया है। वहीं दूसरी ओर रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध में भी अब सीजफायर की संभावनाएं प्रबल होती नजर आ रही हैं।
इस दिशा में सबसे बड़ा घटनाक्रम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सामने आया है, जिन्होंने बीते दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ लगभग दो घंटे तक फोन पर बातचीत की। इस बातचीत को दोनों पक्षों के बीच शांति बहाली की दिशा में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर ने दिखाई राह
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की खबर ने वैश्विक मंच पर सकारात्मक माहौल पैदा किया है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी और सीमा संघर्षों के बीच वर्षों से झुलस रही सीमावर्ती जनता के लिए यह राहत की खबर है। दोनों देशों ने सीजफायर समझौते का सम्मान करते हुए आपसी संवाद और विश्वास बढ़ाने पर सहमति जताई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ यह कदम अन्य युद्धरत देशों को भी शांति की राह अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्धविराम की उम्मीदें जागीं
रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से चला आ रहा संघर्ष अब तक हजारों लोगों की जान ले चुका है और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई है। लेकिन अब जब डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष सीजफायर पर सहमत होने की दिशा में बात कर रहे हैं, तो दुनिया भर में एक नई आशा का संचार हुआ है।
पुतिन और जेलेंस्की से ट्रंप की 2 घंटे की बातचीत
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की। उन्होंने बताया कि बातचीत सौहार्दपूर्ण रही और दोनों ही पक्षों ने युद्धविराम की आवश्यकता को स्वीकार किया।
"रूस और यूक्रेन तुरंत युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत शुरू करेंगे। रूस युद्ध समाप्त होने के बाद अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहता है और मैं इससे सहमत हूं।"
– डोनाल्ड ट्रंप
समझौते की शर्तों पर होगी चर्चा
राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत के बाद स्पष्ट किया कि युद्धविराम केवल समझौते के बाद ही संभव है। उन्होंने यह संकेत दिया कि रूस की ओर से कुछ शर्तें रखी जाएंगी जिन पर बातचीत जरूरी होगी। उधर, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन अलग-अलग देशों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें करने की योजना बना रहा है, ताकि एक समग्र समाधान निकल सके।
यूरोपीय नेताओं को दी जानकारी
ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने इस बातचीत की जानकारी यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मरर्ज और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब को दी है।
यह अंतरराष्ट्रीय संवाद यह दर्शाता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब केवल दो देशों का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक स्थिरता और मानवता से जुड़ा मामला बन चुका है।
🕍 वेटिकन सिटी शांति वार्ता की मेजबानी को तैयार
ट्रंप ने खुलासा किया कि वेटिकन सिटी रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की मेजबानी करने में रुचि रखती है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि धार्मिक और नैतिक मंच भी अब शांति बहाली के लिए आगे आ रहे हैं।
यदि वार्ता वेटिकन में होती है, तो यह न केवल राजनीतिक बल्कि नैतिक स्तर पर भी एक ऐतिहासिक कदम होगा।
निष्कर्ष: क्या दुनिया एक नई शांति की ओर बढ़ रही है?
भारत-पाकिस्तान सीजफायर और रूस-यूक्रेन वार्ता दोनों इस बात के संकेत हैं कि युद्ध से थकी दुनिया अब संवाद और समझौतों के जरिए समाधान चाहती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता और यूरोपीय देशों की संलिप्तता इस शांति प्रक्रिया को मजबूती दे सकती है।
हालांकि अभी भी कई जटिल मुद्दे बाकी हैं – जैसे युद्ध के दौरान हुए नुकसान की भरपाई, कब्जे में लिए गए क्षेत्र, और कैदियों की अदला-बदली – लेकिन एक सकारात्मक शुरुआत हो चुकी है। अब देखना यह होगा कि यह बातचीत स्थायी शांति में बदलती है या एक अस्थायी विराम बनकर रह जाती है।