मुंबई, 15 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। तमिलनाडु की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब AIADMK के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सीवी षणमुगम ने एक विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने पार्टी की एक बूथ कमेटी मीटिंग में कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार मुफ्त चीजें बांटने के लिए जानी जाती है और अब चुनाव आते देख शायद वे लैपटॉप, मिक्सी, ग्राइंडर, मिनी बस के साथ “फ्री वाइफ” भी बांट सकते हैं। इस टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। सत्तारूढ़ DMK पार्टी ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। पार्टी का कहना है कि षणमुगम ने महिलाओं को मुफ्त वस्तुओं से जोड़कर उनका अपमान किया है। तमिलनाडु की समाज कल्याण मंत्री पी. गीता जीवन ने कहा कि महिलाओं को इस तरह प्रस्तुत करना निंदनीय है और ऐसा व्यक्ति इंसान कहलाने के योग्य नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस बयान का वीडियो लगभग डेढ़ मिनट का है, हालांकि यह कब का है, यह स्पष्ट नहीं हो सका। वीडियो में सांसद यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब हमारी सरकार थी, हमने बिना मांगे 2,500 रुपये बांटे थे, जबकि स्टालिन ने तब 5,000 रुपये देने की बात की थी, जो उन्होंने सत्ता में आने के बाद नहीं दी। अब चुनाव पास आ रहे हैं, इसलिए वे शायद लैपटॉप, ग्राइंडर और यहां तक कि जानवर या मुफ्त पत्नी भी देने का वादा कर सकते हैं। इस विवाद के बीच राज्य की सियासत में भाजपा और AIADMK के गठबंधन को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। इसी साल अप्रैल में गृह मंत्री अमित शाह ने चेन्नई में घोषणा की थी कि 2026 का विधानसभा चुनाव AIADMK प्रमुख ई. पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। शाह ने कहा था कि सीटों का बंटवारा बाद में तय होगा और भाजपा AIADMK के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देगी। अमित शाह ने यह भी कहा था कि अगला चुनाव डीएमके सरकार के भ्रष्टाचार, दलितों और महिलाओं पर अत्याचार जैसे मुद्दों पर लड़ा जाएगा। उन्होंने दावा किया था कि जनता अब डीएमके से जवाब मांग रही है। गौरतलब है कि सितंबर 2023 में भाजपा नेता के. अन्नामलाई की कुछ विवादास्पद टिप्पणियों के बाद AIADMK अस्थायी रूप से NDA से अलग हो गई थी, हालांकि बाद में दोनों दलों के बीच गठबंधन फिर से बन गया।