क्रिकेट का बैट, जिसे हम आज उसके निर्धारित आकार, लकड़ी और माप में देखते हैं, हमेशा से ऐसा नहीं था। क्रिकेट के शुरुआती दिनों से लेकर आधुनिक युग तक, बैट के आकार-प्रकार, लंबाई और चौड़ाई में कई बड़े बदलाव हुए हैं। नियमों की स्पष्टता न होने के कारण खिलाड़ी अक्सर अपनी मर्जी के बैट लेकर भी मैदान पर उतर जाते थे। लेकिन एक ऐतिहासिक घटना ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) को इतना मजबूर कर दिया कि उसे तुरंत नियम बदलने पड़े और बैट की सामग्री से लेकर उसके आयाम तक को स्थायी रूप से तय करना पड़ा।
यह घटना आज से लगभग 46 साल पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच चल रही प्रतिष्ठित एशेज टेस्ट सीरीज के दौरान हुई थी। पर्थ टेस्ट में एक बैट के कारण खेल को बीच में रोकना पड़ा था और दोनों टीमों के बीच जमकर बहस हुई थी। इस बहस के केंद्र में थे अपने जमाने के दिग्गज तेज गेंदबाज डेनिस लिली, जो एक एल्युमीनियम (Aluminium) से बना बैट लेकर पिच पर बल्लेबाजी करने आ गए थे।
माइक ब्रेयरली आवाज सुनकर चौंक गए
यह विवाद ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच 1979 की एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच के दौरान हुआ, जो पर्थ के वाका (WACA) मैदान पर खेला जा रहा था।
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की। टीम 8 विकेट पर 232 रन बनाकर संकट में थी और डेनिस लिली 11 रन बनाकर नॉटआउट थे। अगले दिन सुबह यानी 15 दिसंबर को जब खेल शुरू हुआ, तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाज इयान बॉथम के ओवर की चौथी गेंद लिली के बैट से टकराई। गेंद के टकराने पर आई अजीब सी धातुई आवाज सुनकर इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रेयरली चौंक गए। उन्होंने तुरंत अंपायर मैक्स ओ'कोनेल और डॉन वेसर से बात की और मैच को बीच में ही रुकवा दिया।
नियमों में नहीं थी ऐसे बैट पर पाबंदी
अंपायरों ने जब लिली का बैट चेक किया, तो पाया कि वह एल्युमीनियम धातु का बना हुआ था। अंपायर ने लिली से बैट बदलने के लिए कहा, लेकिन लिली उसी बैट से खेलने पर अड़ गए।
लिली ने आईसीसी के तत्कालीन नियमों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि ऐसे बैट से खेलने पर कोई पाबंदी नहीं है। इस तर्क से अंपायर भी चुप हो गए।
हालांकि, इंग्लैंड के कप्तान ब्रेयरली इस बात पर अड़े रहे कि धातु के बैट से गेंद की गुणवत्ता खराब हो रही है, इसलिए वह खेल शुरू करने के लिए तैयार नहीं थे। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान ग्रेग चैपल भी लिली के इस हथकंडे से खुश नहीं थे। चैपल ने अपने टीम के साथी रोडनी हॉग को दो सामान्य लकड़ी के बैट देकर मैदान में लिली के पास भेजा, लेकिन डेनिस लिली ने गुस्से में उन्हें वापस भेज दिया।
आखिरकार, चैपल ने लिली को स्पष्ट कर दिया कि अगर वह बैट नहीं बदलते हैं, तो वह टीम के साथी को भेजकर उनका एल्युमीनियम बैट ज़ब्त करवा लेंगे। अंततः, लिली को गुस्सा शांत करना पड़ा और लकड़ी के बैट से खेलना पड़ा। इस घटना के बाद, आईसीसी ने तुरंत निय