मुंबई, 23 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर शोर मचाने वाले और सामान्य समझे जाने वाले भारतीय कौवे (Indian Crows) वास्तव में दुनिया के सबसे बुद्धिमान पक्षियों की श्रेणी में आते हैं। हाल ही में 'इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने पाया है कि कौवों की मानसिक क्षमता कुछ स्तनधारी जीवों (Mammals) के बराबर होती है।
इंसानी बच्चों जैसी समझ विशेषज्ञों के अनुसार, कौवों में समस्या सुलझाने (Problem-solving) का कौशल गजब का होता है। उनकी संज्ञानात्मक क्षमता (Cognitive skills) की तुलना अक्सर 4 से 5 साल के मानवीय बच्चे से की जाती है। वे न केवल पेचीदा पहेलियां सुलझा सकते हैं, बल्कि भविष्य की योजना बनाने और 'कारण और प्रभाव' (Cause and Effect) के संबंधों को समझने में भी सक्षम होते हैं।
औजार बनाने और इस्तेमाल करने में माहिर अध्ययन में यह भी सामने आया है कि कौवे केवल प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल ही नहीं करते, बल्कि वे अपनी जरूरत के हिसाब से 'औजार' बना भी सकते हैं। उदाहरण के लिए, भोजन निकालने के लिए टहनियों या तारों को मोड़कर हुक जैसा बनाना उनकी उच्च बुद्धिमत्ता का प्रमाण है।
भारतीय कौवों की खासियत जबलपुर स्थित NDVSU के प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र कुमार गुप्ता के अनुसार, भारतीय 'हाउस क्रो' (Corvus splendens) शहरी परिवेश में खुद को ढालने में सबसे आगे हैं। वे इंसानी दिनचर्या को समझते हैं, खाने के मौकों की पहचान करते हैं और अपने अनुभव के आधार पर अपने व्यवहार में बदलाव लाते हैं।
कौवों की बुद्धि से जुड़ी कुछ रोचक बातें:
- चेहरे याद रखना: कौवे इंसानी चेहरों को सालों तक याद रख सकते हैं और अपने साथियों को भी बता सकते हैं कि कौन सा इंसान उनके लिए खतरा है।
- अद्भुत याददाश्त: वे अपना भोजन छिपाकर रखने और उसे हफ्तों बाद खोजने में माहिर होते हैं।
- सामाजिक समझ: ये पक्षी समूहों में रहते हैं और एक-दूसरे को खतरों के बारे में सचेत करने के लिए जटिल आवाजों का उपयोग करते हैं।
निष्कर्ष: यह शोध हमें याद दिलाता है कि बुद्धिमत्ता केवल इंसानों तक सीमित नहीं है। भारतीय कौवे, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, वे वास्तव में प्रकृति के 'जीनियस' हैं जिन्होंने शहरी चुनौतियों के बीच जीवित रहने की कला को बखूबी सीख लिया है।