मुंबई, 22 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार के संबंध केवल द्विपक्षीय होने चाहिए। उन्होंने कहा कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। यह बयान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे के बाद सामने आया है। तुर्किये के संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह उम्मीद करता है कि तुर्किये पाकिस्तान से आग्रह करेगा कि वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे और उन आतंकी ढांचों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जिन्हें उसने दशकों से आश्रय दे रखा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि द्विपक्षीय रिश्ते तभी टिकाऊ होते हैं जब वे एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील हों।
रणधीर जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान को दोहराते हुए कहा कि "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते, व्यापार और आतंकवाद भी एक साथ नहीं चल सकते।" जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार सुबह सिंहपोरा और छतरू इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक जवान घायल हो गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इन इलाकों में आतंकियों की तलाश अब भी जारी है। प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा कि भारत पर हुए आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए वैश्विक समुदाय को एकजुट होने की आवश्यकता है। भारत इस दिशा में काम कर रहा है और 7 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे हैं, जिनमें से तीन पहले ही रवाना हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसके तहत भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने क्रॉस-बॉर्डर शेलिंग और ड्रोन हमले किए, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेसों को निशाना बनाया। 10 मई की शाम को दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू किया गया।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हों और सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएं। भारत पाकिस्तान के साथ उन वांटेड आतंकियों पर चर्चा करने को भी तैयार है, जिनकी सूची कुछ वर्ष पहले पाकिस्तान को सौंपी गई थी। भारत ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर पर कोई भी बातचीत केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (PoK) को खाली करने पर ही होगी।