मुंबई, 01 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में रविवार से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शिमला जिले के कोटखाई, जुब्बल और जुन्गा में देर रात भूस्खलन हुआ, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में राज्य को आपदाग्रस्त घोषित किया है। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन सहित पांच राष्ट्रीय राजमार्ग और लगभग 800 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। कुल्लू समेत दस जिलों में सोमवार को स्कूल और कॉलेज बंद रखने पड़े।
उत्तराखंड में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। केदारनाथ नेशनल हाईवे पर भूस्खलन से दो यात्रियों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हुए हैं। मौसम विभाग ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक रोक दिया गया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में भूस्खलन से 12 मकान ढह गए। हरियाणा में छह जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सिरसा में एक नहर टूटने से करीब 50 एकड़ फसल पानी में डूब गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य की 2.50 लाख एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं और करीब 40 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह 29,313 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, जिससे दिल्ली सरकार को बाढ़ अलर्ट जारी करना पड़ा।
पंजाब के नौ जिलों—फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला, पठानकोट, तरनतारन, होशियारपुर, मोगा, गुरदासपुर और बरनाला—में बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है। यहां अब तक 1312 गांव प्रभावित हुए हैं। भाखड़ा डैम में जलस्तर बढ़ने के बाद फ्लड गेट्स को चार-चार फीट तक खोलना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से भी दुखद खबर सामने आई है। मणिमहेश यात्रा पर निकले चार श्रद्धालुओं के शव बरामद किए गए हैं। राज्य में 25 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में 16 लोगों की मौत हो चुकी है।