क्या है 6 क्विंटल देसी घी के पीछे की कहानी, जो अयोध्या रामंदिर में चढ़ेगा? पूरा होगा संत का 20 साल पुराना संकल्प

Photo Source :

Posted On:Monday, November 27, 2023

देशभर में भगवान श्रीराम के भक्तों का दशकों पुराना इंतजार जनवरी 2024 में खत्म होने जा रहा है। जनवरी में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. ऐतिहासिक महोत्सव में राजस्थान का जोधपुर भी खास हिस्सा लेने जा रहा है. मंदिर में पहली आरती और महायज्ञ में पूजा के लिए जोधपुर से शुद्ध देशी घी भेजा जाएगा. इस घी का उपयोग मंदिर की अखंड ज्योत में किया जाएगा. जोधपुर से 6 क्विंटल यानी 600 किलो घी अयोध्या भेजा जाएगा. खास बात यह है कि जोधपुर से 108 रथों पर भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी. रथ में 216 घंटियां होंगी. रथ 27 नवंबर को जोधपुर से अयोध्या के लिए रवाना होगा।

एक संत का 20 साल पुराना संकल्प

श्री श्री महर्षि सांदीपनि राम धर्म गौशाला जोधपुर में बनाड़ के पास जयपुर रोड पर स्थित है। इस गौशाला का संचालन महर्षि सांदीपनि महाराज करते हैं। महर्षि सांदीपनि महाराज ने कहा कि उन्होंने 20 साल पहले संकल्प लिया था कि वह अयोध्या राम मंदिर में शुद्ध देशी गाय का घी लेकर जाएंगे. इसी दौरान साल 2014 में उन्होंने गायों से भरे एक ट्रक को रोका, जिसे जोधपुर से वध के लिए ले जाया जा रहा था. ट्रक में करीब 60 गायें थीं. महाराज ने इन गायों को मुक्त कराया और पास की गौशाला में ले गये। सभी ने इन गायों को रखने से इंकार कर दिया।

पहले लोगों ने मजाक उड़ाया, फिर समर्थन किया

जब महाराज ने अपने आस-पास के लोगों को अपनी प्रतिज्ञा के बारे में बताया तो उन्होंने कई सवाल पूछे और उनका मजाक उड़ाया। कैसे पूरी होगी यात्रा? इतना घी कहाँ से लाओगे? महाराज लोगों के सवालों से विचलित हुए बिना घी इकट्ठा करने में लगे रहे। 2016 में जब लोगों को महाराज के संकल्प की गंभीरता का एहसास हुआ तो वे गौशाला आये.

घी के लिए गायों का आहार और दिनचर्या बदल गई

महाराज सांदीपनि ने कहा कि अगर घी में मिलावट हो तो वह जल्दी खराब हो जाता है। उनके द्वारा तैयार किया गया देसी घी प्राचीन परंपरा के अनुसार तैयार किया जाता है. उन्होंने कहा कि घी की शुद्धता बनाए रखने के लिए गायों के आहार में भी बदलाव किया गया है. पिछले 9 वर्षों से गायों को केवल हरा चारा, सूखा चारा और पानी दिया जाता था। इन तीन चीजों को छोड़कर बाकी सभी चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इतना ही नहीं, गौशाला में आने वाले लोगों को भी हिदायत दी गई है कि इन गायों को बाहर से लाई गई कोई भी चीज न खिलाएं.

हर तीन साल में घी उबालें

9 साल में गायों की संख्या 60 से बढ़कर 350 हो गई है. इनमें से अधिकतर गायें सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होती हैं या बीमार होती हैं। जैसे-जैसे गायों की संख्या बढ़ती गई, वैसे-वैसे घी की मात्रा भी बढ़ती गई। घी के बर्तनों को अच्छी तरह साफ किया जाता है. यही कारण है कि इतने सालों बाद भी यह घी खराब नहीं हुआ है। इसके अलावा जिस कमरे में यह घी रखा जाता है वह साफ-सुथरा होता है और उसमें पर्याप्त वेंटिलेशन होता है।


जमशेदपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. jamshedpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.