बिहार में सियासी भूचाल आया हुआ है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि 28 फरवरी को बीजेपी की मदद से नीतीश कुमार फिर से सीएम बनेंगे. लेकिन ये पहली बार नहीं है कि नीतीश कुमार ने पाला बदला है. जानकारी के मुताबिक, पिछले 9 साल में वह इस तरह से तीन बार सरकार बना चुके हैं. इतना ही नहीं, साल 2022 में नीतीश कुमार 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले भी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले क्या कांग्रेस या फिर I.N.D.I.A. अपना कदम उठाएगी? गठबंधन से नाराजगी या फिर उनकी सीएम बने रहने की चाहत. आइए बिहार में बदलाव की पूरी प्रक्रिया को समझते हैं.
सोशल मीडिया पर बढ़ी रार
बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बाद जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की तारीफ की तो बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया. इसके बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए. इन ट्वीट्स में किसी का नाम लेकर किसी की विचारधारा पर कटाक्ष नहीं किया गया. ट्वीट में उन्होंने कहा- वह समाजवादी पुजारी होने का दावा करते हैं, जिनकी विचारधारा हवा की तरह बदल जाती है.’ रोहिणी आचार्य ने अपने इन ट्वीट से बिहार की राजनीति में आग में घी डालने का काम किया.
INDIA गठबंधन को मजबूत करने पर सवाल
नीतीश कुमार ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी सवाल उठाए थे. नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस नेता भारत गठबंधन, सीट शेयरिंग पर काम करने की बजाय न्याय यात्रा पर हैं. जबकि उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों में भारत गठबंधन को और मजबूत करना चाहिए. कहा जाता है कि इंडिया अलायंस नीतीश कुमार के दिमाग की उपज थी.
जेडीयू की नजर लोकसभा सीटों पर है
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि वे I.N.D.I.A. कैबई में का नहीं देना चाहिए इसके अलावा जेडीयू की नजर बिहार की लोकसभा सीटों पर है. वह इंडिया अलायंस में सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाराज थे. यहां आपको बता दें कि जेडीयू के पास फिलहाल देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों में से 16 पर जीत हासिल करने वाले सांसद हैं, जिसे पार्टी बढ़ाना चाहती है.