छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन 70 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां 958 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें 827 पुरुष, 130 महिला और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार हैं. इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला एक करोड़ 63 लाख 14 हजार 497 मतदाता करेंगे.
पाटन: सीएम को टक्कर देने मैदान में हैं भतीजे!
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में पाटन विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई है. दरअसल, राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. उनके भतीजे और सांसद विजय बघेल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए पाटन विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. बता दें कि साल 2018 में भी भूपेश बघेल ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था और 27 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी.
लोरमी: प्रदेश अध्यक्ष बनाम आयोग अध्यक्ष
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव मुंगेली जिले की लोरमी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए हैं. अरुण साव के खिलाफ कांग्रेस ने थानेश्वर साहू को चुनावी रण में उतारा है. धनेश्वर साहू पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में इस सीट पर अमित जोगी की पार्टी जेसीसीजे के उम्मीदवार धर्मजीत सिंह ने जीत हासिल की थी.
अंबिकापुर: बीजेपी के राजेश का मुकाबला टीएस सिंह देव से है
लोगों की नजर अंबिकापुर विधानसभा सीट पर भी है. इस सीट से छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और राज्य की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले टीएस सिंह देव चुनाव लड़ रहे हैं. टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस ने चौथी बार भी टीएस सिंह को टिकट दिया है. टीएस सिंह देव को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने अंबिकापुर सीट से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है. बता दें कि राजेश अग्रवाल पहले कांग्रेस में थे. 2018 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.
दुर्ग ग्रामीण: क्या गृह मंत्री को मिलेगा दूसरा मौका?
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट भी चर्चा में है, क्योंकि यहां पिछले तीन चुनावों में तीन अलग-अलग उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. इस बार दुर्ग ग्रामीण सीट से प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू उम्मीदवार हैं। वहीं, बीजेपी ने इस सीट पर ललित चंद्राकर को मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि 2018 के चुनाव में ताम्रध्वज साहू इस सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, जबकि 2013 में इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.
रायपुर शहर दक्षिण: बृजमोहन के गढ़ में सेंध लगा सकेंगे महंत!
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर दक्षिण सीट भी काफी दिलचस्प हो गई है. यह सीट बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल की पारंपरिक सीट है. बृजमोहन अग्रवाल इस सीट से 2008 से लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार कांग्रेस ने इस सीट से महंत राम सुंदर दास को मैदान में उतारा है. देखते हैं कि क्या बृजमोहन अग्रवाल इस बार अपना गढ़ बचा पाएंगे या राम सुंदर दास को हराएंगे?
शक्ति: महान नेता बनाम डॉक्टर
जांजगीर-चांपा जिले की सक्ती विधानसभा सीट से कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को टिकट दिया है, जबकि चरण दास महंत को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने खिलावन साहू को मैदान में उतारा है. खिलावन साहू पेशे से डॉक्टर हैं. वह 2013 में पहली बार विधायक चुने गये थे. चरणदास की गिनती प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है, वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।