हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ मास का बहुत महत्व होता है। इस महीने में कई ऐसे पर्व और पर्व आते हैं जिनकी अपनी एक अलग ही मान्यता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने से महादेव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी समस्याओं का निवारण होता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जेठ मास की चतुर्थी तिथि 17 मई को रात 10 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 18 मई को रात 9 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। इतना ही नहीं मासिक शिवरात्रि में रात्रि में शिव जी की पूजा की जाती है। इस दिन कई दैवीय सहयोग भी हो रहे हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि का मासिक व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तरह-तरह की समस्याओं से निजात मिलती है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान महादेव का रुद्राभिषेक करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल लेकर भगवान महादेव के शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, कच्ची गाय का दूध, अक्षत सफेद चंदन आदि अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान महादेव की विशेष कृपा बनी रहती है।