करवा चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास बढ़ाता है। यह त्यौहार प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी खाने से होती है, जिसे सूर्योदय से करीब 2 घंटे पहले तक खाया जाता है।
पंचांग के अनुसार इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन भद्रा का साया भी बनता है। यह भद्रा दिन में केवल 21 मिनट तक ही रहेगी, जिसका निवास स्वर्ग है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, करवा चौथ पर भद्रा का साया सुबह 06:25 बजे से सुबह 06:46 बजे तक रहेगा। ऐसे में पूजा के दौरान करवा माता की इस आरती और मंत्र का जाप करने से व्रत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। आइए जानते हैं इसके बारे में.
करवा चौथ के मंत्र
- श्रीगणेश का मंत्र - ॐ गणेशाय नमः
- शिव का मंत्र - ॐ नमः शिवाय
- पार्वतीजी का मंत्र - ॐ शिवायै नमः
- स्वामी कार्तिकेय का मंत्र - ॐ षण्मुखाय नमः
- चंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः
- 'मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
- 'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।'
करवा चौथ की आरती
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।