देश के अधिकांश विद्वानों, धर्माचार्यों और संस्थानों ने धनतेरस और दिवाली मनाने की तारीखों के संबंध में अपने सुझाव और निर्णय दिए हैं। अयोध्या, मथुरा और देवघर के विद्वान आचार्यों और पंडितों के अनुसार 31 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल में मां लक्ष्मी-श्रीगणेश पूजन और दीपोत्सव मनाया जाना चाहिए। बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन (यूपी), श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा (राजस्थान), तिरूपति देवस्थानम (आंध्र प्रदेश) और द्वारकाधीश मंदिर (गुजरात) भी 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने पर क्यों जोर दिया जा रहा है और अगर 29 को धनतेरस और 31 नवंबर को दिवाली है तो श्री कुबेर और लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे अच्छा मुहूर्त क्या है?
दिवाली 31 अक्टूबर को क्यों?
वहीं, 15 अक्टूबर 2024 को जयपुर के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में हुई अखिल भारतीय विद्वत परिषद की विद्वत बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली मनाना उचित और शास्त्र सम्मत है. विद्वत धर्मसभा में ज्योतिषियों, विद्वानों एवं धर्माचार्यों ने निर्णय लिया कि दीपावली का पर्व रात्रि में मनाया जाने वाला पर्व है। शास्त्रों में अमावस्या के दिन और रात में पूजा करने का विशेष महत्व है।
दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा केवल रात के समय ही की जाती है। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर की रात को होगी, लेकिन यह 1 नवंबर की रात से पहले ही खत्म हो जाएगी. प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की रात्रि को रहेगी। शास्त्रों के अनुसार दिवाली की पूजा 31 अक्टूबर की रात को करना उचित है। इस वर्ष सभी को 31 अक्टूबर को दिवाली मनानी चाहिए।
एक नवंबर को दिवाली मनाना शास्त्र सम्मत नहीं है
काशी की बैठक में विद्वानों ने कहा कि 2024 में कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को सूर्यास्त से पहले शुरू होगी और 1 नवंबर को सूर्यास्त से पहले समाप्त होगी। 1 नवंबर को पूर्ण प्रदोष काल में अमावस्या नहीं मिलती, इसलिए 1 नवंबर को किसी भी तरह से दिवाली मनाना शास्त्र सम्मत नहीं है। वहीं, इस साल अमावस्या 31 अक्टूबर को प्रदोष (2 घंटे 24 मिनट) और निशिथ (मध्यरात्रि) में पड़ रही है, इसलिए दिवाली 31 को ही मनाना शास्त्र सम्मत है।
धनतेरस पर श्री कुबेर पूजन का सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त
29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन श्री कुबेर के साथ मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का सबसे अच्छा समय शाम 7:15 बजे से 8:25 बजे के बीच रहेगा। श्रद्धालुओं और श्रद्धालुओं को भगवान श्री कुबेर, मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए 1 घंटा 10 मिनट का समय मिलेगा।
लक्ष्मी पूजन का सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त 2024
दिवाली 2024 के अवसर पर लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छे शुभ समय की बात करें तो यह 31 अक्टूबर को शाम 6:25 बजे से रात 8:20 बजे के बीच होगा। इस प्रकार दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ समेत सभी देवी-देवताओं की पूजा के लिए 55 मिनट मिलेंगे। रात्रि 8:20 बजे के बाद से प्रातः 8:50 बजे तक लक्ष्मी पूजन का सामान्य समय है।