वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वयंसिद्ध मुहूर्त अक्षय तीज के नाम से जाना जाता है। इस बार अक्षय तृतीया दो दिन मनाई जाएगी। इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान, दान, जप, तप और होम का क्षय नहीं होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस बार अक्षय तृतीया पर आयुष्मान योग, शुभ कृतिका नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग भी मिलेंगे।
अक्षय तृतीया सही तारीख
ज्योतिषियों ने बताया है कि, तृतीया तिथि 22 अप्रैल को सुबह 8 बजे से 4 बजे तक और 23 अप्रैल को सुबह 8 बजे से 8 बजे तक रहेगी. कृतिका नक्षत्र शनिवार रात 11:24 बजे तक रहेगा और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र 23 अप्रैल को दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। वहीं, 23 अप्रैल को सूर्योदय 5 बजकर 37 मिनट पर होगा और तृतीया तिथि 8 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदय तिथि और रोहिणी व्रत रखने वाले 23 अप्रैल यानी रविवार को अक्षय तृतीया की पूजा कर सकेंगे. वहीं खरीदारी के लिए जा रहे लोगों को 22 अप्रैल यानी शनिवार को पूरे दिन शुभ योग का लाभ मिलेगा। अक्षय तृतीया शनिवार को सुबह 7:50 बजे से रविवार को सुबह 7:48 बजे तक रहेगी। खाता बसना पूजन के लिए शनिवार दोपहर 13:24 से 15:39 तक स्थिर लग्न सिंह उपलब्ध रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त में मंगल की होरा काल से मेल खाते समय पूजा और नए उद्योग शुरू कर देने चाहिए। 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पूजा का मुहूर्त सुबह 7:49 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक रहेगा।
इस बार शादी नहीं होगी
ज्योतिषियों ने बताया कि अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है, लेकिन इस बार गुरु सूर्यास्त होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं मिल पाएगा। इस दिन चंद्रमा वृष राशि में उच्च का और शुक्र वृष राशि में रहेगा। शनि कुम्भ राशि में रहेगा और सूर्य मेष राशि में रहेगा। जब बृहस्पति 22 अप्रैल शनिवार को मेष राशि में गोचर करेगा तब वह वक्री अवस्था में होगा और 27 अप्रैल गुरुवार को वक्री अवस्था से बाहर आ जाएगा, तभी से शुभ और शुभ कार्यक्रमों की शुरुआत होगी।