भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में तेज़ी से वृद्धि के साथ, हालिया घटनाओं ने पाकिस्तान की सेना की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। 22 अप्रैल को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान की सेना के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था। इसके बाद पाकिस्तान ने पलटवार की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ने उसे करारी हार दी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की 8 मिसाइलों और फाइटर जेट्स को मार गिराया, और पाकिस्तानी एयरफोर्स का एक महत्वपूर्ण एरियल वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) भी तबाह कर दिया। इस हमले ने पाकिस्तान को न केवल सैन्य रूप से कमजोर किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उसकी छवि को नुकसान पहुँचाया।
पाकिस्तानी सेना में फूट
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में जो घटनाएँ हुईं, उन्होंने पाकिस्तानी सेना के भीतर गहरी फूट को उजागर कर दिया। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को लेकर खुफिया सूत्रों से बड़ी खबरें आ रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, आसिम मुनीर को हिरासत में लिया गया है और उन पर अपने पर्सनल एजेंडा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सामने आया जब पाकिस्तानी सेना की विफलता और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की घटनाओं को लेकर आंतरिक दबाव बढ़ने लगा। इसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें जल्द ही सेना प्रमुख के पद से हटा दिया जाएगा। जनरल आसिम मुनीर के बाद पाकिस्तानी सेना में एक नई नेतृत्व की संभावना पर विचार हो रहा है, और माना जा रहा है कि साहिर शमशाद मिर्जा को पाकिस्तानी सेना का अगला प्रमुख बनाया जा सकता है।
कौन हैं साहिर शमशाद मिर्जा?
साहिर शमशाद मिर्जा एक प्रमुख पाकिस्तानी जनरल हैं, जिन्हें शहबाज शरीफ का करीबी माना जाता है। वे वर्तमान में जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के चेयरमैन हैं, और उनकी सेना में लंबी और सम्मानजनक सेवा रही है। लगभग तीन साल पहले उन्हें सेना प्रमुख बनने की दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन तब जनरल आसिम मुनीर ने बाजी मार ली। साहिर मिर्जा पाकिस्तानी सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (CGS) और डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के पदों पर भी रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में पाकिस्तान की सेना ने कई अहम ऑपरेशंस का संचालन किया है। मिर्जा का नाम सिंध रेजिमेंट से जुड़ा हुआ है, और वे अपने करियर में जनरल शरीफ की कोर टीम का हिस्सा रहे हैं।
उनकी बचपन में ही अपने माता-पिता का निधन हो गया था, और उन्होंने अपनी यूनिट का नाम अपने माता-पिता के कॉलम में लिखा था। इसके अलावा, उनका नाम पाकिस्तानी सेना में एक सशक्त और सक्षम नेता के रूप में लिया जाता है, और यही वजह है कि उन्हें अगला सेना प्रमुख बनाने की चर्चा हो रही है। हालांकि, आसिम मुनीर के खिलाफ आंतरिक दबाव को देखते हुए मिर्जा की नियुक्ति जल्द ही हो सकती है।
पाकिस्तानी सेना पर आरोप
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी क्षेत्रों में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, और यह भारत के लिए एक बड़ी सैन्य सफलता रही।
इस हमले के बाद पाकिस्तान की सेना पर आरोप लगाया गया कि उसने आतंकवादियों के ठिकानों की जानकारी भारत को लीक की थी। पाकिस्तान के आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने एक शोक संदेश जारी करते हुए यह दावा किया कि भारतीय हमले की जानकारी पाकिस्तान की सेना ने दी थी। TTP का आरोप था कि पाकिस्तान की सेना ने हमेशा इस्लामिक आतंकवादियों और मुजाहिद्दीन को खत्म करने की कोशिश की है और यह जानकारी उन्होंने भारत को दी। इस आरोप ने पाकिस्तान की सेना को भारी दबाव में डाल दिया और उनकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तान की सेना की स्थिति पर असर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सेना की स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। पाकिस्तानी सेना की खामियों को न केवल युद्ध के मैदान पर देखा गया, बल्कि आंतरिक रूप से भी सेना में बगावत की स्थिति पैदा हो गई है। जहां एक ओर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को उसकी सीमा के अंदर जाकर करारा जवाब दिया, वहीं पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पूरी तरह से विफल रही। पाकिस्तान के मिसाइल सिस्टम और फाइटर जेट्स भारतीय वायुसेना के मुकाबले पूरी तरह से नाकाम साबित हुए, और इससे पाकिस्तान की सेना की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल उठ खड़ा हुआ।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सेना को गंभीर नुकसान हुआ है। जहां भारतीय सेना ने एक मजबूत जवाबी कार्रवाई की, वहीं पाकिस्तान की सेना आंतरिक और बाहरी दबावों के कारण दो फाड़ हो गई है। सेना प्रमुख आसिम मुनीर की गिरफ्तारी और उनकी संभावित बर्खास्तगी से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान में नेतृत्व को लेकर गंभीर संकट है। साहिर शमशाद मिर्जा के नाम पर चर्चा हो रही है, जो पाकिस्तानी सेना के अगले प्रमुख के तौर पर देखे जा रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान की सेना पर लगे आरोप और उसकी खामियों ने उसकी प्रतिष्ठा को भी बड़ा धक्का पहुँचाया है।