दुनिया के प्रमुख अरबपति बिजनेसमैन और परोपकारी बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा फ्रेंच गेट्स को अलग हुए 3 साल से ज्यादा समय हो गया है। अब धीरे-धीरे मेलिंडा भी बिल गेट्स के बिजनेस और परोपकारी कार्यों से अलग हो रही हैं। इसी कड़ी में मेलिंडा फ्रेंच गेट्स ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की है. इस संगठन को दुनिया के सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक माना जाता है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "फाउंडेशन में मेरे काम का आखिरी दिन 7 जून होगा।"
उन्होंने कहा कि मैंने ये फैसला बहुत सोच समझकर लिया क्योंकि ये इतना आसान नहीं था. लेकिन, अब समय आ गया है कि वह परोपकार के क्षेत्र में एक और मील के पत्थर की ओर बढ़ें। मेलिंडा 2000 से इस फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस इस्तीफे के बाद मेलिंडा को अपना धर्मार्थ कार्य जारी रखने के लिए 12.5 अरब डॉलर मिलेंगे।
अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए मेलिंडा फ्रेंच गेट्स ने कहा, ''मैं इस विश्वास के साथ यह कदम उठा रही हूं कि गेट्स फाउंडेशन मजबूत स्थिति में है.'' मेलिंडा गेट्स ने कहा कि बिल गेट्स के साथ मेरे समझौते की शर्तों के तहत, जब मैं फाउंडेशन छोड़ूंगी, तो मेरे पास महिलाओं और उनके परिवारों से संबंधित काम के लिए अतिरिक्त 12.5 बिलियन डॉलर होंगे। भारतीय रुपए में यह रकम 100000 करोड़ है।
फाउंडेशन का नाम बदल दिया जाएगा
मेलिंडा फ्रेंच गेट्स ने कहा कि वह भविष्य में अपनी परोपकारी योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी साझा करेंगी। वहीं, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सीईओ मार्क सुज़मैन ने कहा कि "बिल गेट्स की विरासत और मेलिंडा के योगदान का सम्मान करने के लिए" फाउंडेशन का नाम बदलकर गेट्स फाउंडेशन रखा जाएगा। साथ ही, अब बिल गेट्स "फाउंडेशन के एकमात्र अध्यक्ष होंगे।"