पड़ोसी देश बांग्लादेश इस समय अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक अस्थिरता, सड़कों पर उग्र विरोध प्रदर्शन और सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों के बीच वहां के क्रिकेट गलियारों से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) 2025-26 का आगाज 26 दिसंबर से होने जा रहा है। यह टूर्नामेंट न केवल बांग्लादेशी क्रिकेट प्रेमियों के लिए बल्कि वहां की अंतरिम सरकार और क्रिकेट बोर्ड के लिए भी एक बड़ी परीक्षा साबित होने वाला है।
चुनौतीपूर्ण माहौल में क्रिकेट का आयोजन
बांग्लादेश में वर्तमान में राजनीतिक कलह की स्थिति बनी हुई है। राजधानी ढाका समेत कई बड़े शहरों में दंगे और अशांति की खबरें लगातार आ रही हैं। ऐसे माहौल में किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की लीग का आयोजन कराना जोखिम भरा कदम माना जा रहा है। सुरक्षा को लेकर उठते सवालों के बीच कई विदेशी खिलाड़ियों के मन में डर का माहौल है। इसके बावजूद, पाकिस्तान और अन्य देशों के कई क्रिकेटर टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए ढाका पहुंच चुके हैं।
हालांकि, कुछ खिलाड़ियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए लीग से दूरी बनाने का मन भी बना लिया है, जो आयोजकों के लिए चिंता का विषय है।
टूर्नामेंट का पूरा खाका
BPL 2025-26 के इस सीजन में कुल 34 मैच खेले जाएंगे। टूर्नामेंट को सुचारू रूप से चलाने के लिए तीन वेन्यू (मैदान) तय किए गए हैं:
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सिलहट
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चटगांव
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ढाका
लीग का फाइनल मुकाबला 23 जनवरी 2026 को ढाका के शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में खेला जाना प्रस्तावित है। इस सीजन में कुल छह टीमें एक-दूसरे से भिड़ती नजर आएंगी:
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सिलहेट टाइटन्स
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रांगपुर रायडर्स
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ढाका कैपिटल्स
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नॉखली एक्सप्रेस
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चटगांव रॉयल्स
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राजशाही वारियर्स
मैदान पर उतरेंगे दुनिया के दिग्गज
राजनीतिक संकट के बावजूद BPL का आकर्षण कम नहीं हुआ है। इस साल ड्रॉफ्ट में दुनिया के कई नामचीन क्रिकेटरों को शामिल किया गया है। इंग्लैंड के मोइन अली और एलेक्स हेल्स के साथ-साथ श्रीलंका के अनुभवी ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज इस लीग की शोभा बढ़ाएंगे।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों की भी इस लीग में भारी मौजूदगी रहने वाली है। इमाद वसीम, मोहम्मद हसनैन और फहीम अशरफ जैसे खिलाड़ी अपनी-अपनी टीमों के लिए दमखम दिखाते नजर आएंगे। इन विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने विशेष 'प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी' जैसे कड़े इंतजामों का दावा किया है।
निष्कर्ष: खेल या जोखिम?
राजनीतिक संकट के बीच क्रिकेट का आयोजन दोतरफा संदेश देता है। एक ओर यह दिखाने की कोशिश है कि देश में स्थिति सामान्य हो रही है, वहीं दूसरी ओर यह खिलाड़ियों की सुरक्षा के साथ बड़ा समझौता भी लग सकता है। अगर यह टूर्नामेंट सफल रहता है, तो यह बांग्लादेशी क्रिकेट के लिए संजीवनी साबित होगा, लेकिन किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरा नुकसान पहुँचा सकती है।
अब पूरी दुनिया की निगाहें 26 दिसंबर को होने वाले पहले मैच पर टिकी हैं कि क्या बांग्लादेश क्रिकेट की इस 'अग्निपरीक्षा' में सफल हो पाएगा।