मुंबई, 26 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से चुनाव कराने और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT स्लिप की 100% क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर एक बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने EVM के इस्तेमाल के 42 साल के इतिहास में पहली बार जांच का रास्ता खोल दिया। बेंच जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई की थी। दोनों ने एकमत से फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा, सिंबल लोडिंग प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इस यूनिट को सील कर दिया जाए। सील की गई यूनिट को 45 दिन के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में स्टोर किया जाए। इलेक्ट्रॉनिक मशीन से पेपर स्लिप की गिनती के सुझाव का परीक्षण कीजिए। और यह भी देखिए कि क्या चुनाव निशान के अलावा हर पार्टी के लिए बारकोड भी हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के अररिया में चुनावी सभा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है। विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। इन्होंने बैलेट पेपर लूटकर राज किया। ये EVM हटाना चाहते हैं, इनके सपने चूर-चूर हो गए।
चुनाव आयोग के अधिकारी ने फैसले के बाद कहा कि EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं को अदालतें 40 बार खारिज कर चुकी हैं। अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के बयान का जिक्र किया। इसमें राजीव कुमार ने कहा था कि EVMs 100 फीसदी सुरक्षित हैं और राजनीतिक दल भी यह जानते हैं कि ये मशीनें निष्पक्ष हैं। उन्होंने कहा था, EVM की वजह से ही राजनीतिक दल अस्तित्व में आए हैं। कई छोटी पार्टियां हैं, जो बैलट पेपर के युग में शायद अस्तित्व में नहीं आतीं।