मुंबई, 29 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर रोक लगा दी। कोर्ट ने पूछा है कि क्या 25 हजार नियुक्तियों में से सही तरीके से किए गए टीचर्स के अपॉइंटमेंट को अलग किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 6 मई को करेगा। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जाए, जिसमें सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देखिए इसे किस तरह से किया गया है। ओएमआर शीट को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। जो लोग पैनल में नहीं थे, उन्हें रिक्रूट किया गया। यह फ्रॉड है।
तो वहीं, वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियों को खारिज कर दिया गया है, जबकि सीबीआई को अब तक जांच में सिर्फ 8000 नियुक्तियों में खामियां मिली हैं। स्कूल सर्विस कमीशन ने भी कहा कि जो नियुक्तियां सही तरह से हो सकती थीं, उन्हें अलग किया जा सकता था। आपको बता दें, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को 2016 में की गई 25 हजार 753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया है। साथ ही, बंगाल सरकार ने कहा कि वह उन सभी 25,753 शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ को अप्रैल के वेतन का भुगतान करेगी, जिनकी नियुक्तियां रद्द की गई हैं। राज्य सरकार ने कहा कि सभी कर्मचारियों ने लगभग पूरे अप्रैल काम किया है। इसलिए मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सभी को सैलरी दी जाएगी।