मुंबई, 19 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार के चुनाव चिह्न तुरही बजाता आदमी को मंजूरी दे दी। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित गुट की राह थोड़ी मुश्किल कर दी। कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा कि वे सार्वजनिक रूप से विज्ञापन देकर बताएं कि उनके चुनाव चिह्न घड़ी का मामला अदालत में है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अजित पवार को अंग्रेजी, हिंदी, मराठी के अखबारों में विज्ञापन देकर बताएं कि उनके इलेक्शन सिंबल घड़ी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर अंतिम निर्णय कोर्ट में सुनवाई के बाद ही होगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार को घड़ी चुनाव चिह्न के कोर्ट में विचाराधीन होने को हर टेम्प्लेट, ऐड, ऑडियो-वीडियो क्लिप में भी बताना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट को लोकसभा चुनाव राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार नाम से ही लड़ने की परमिशन दे दी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि वह लोकसभा विधानसभा चुनावों के लिए दूसरों को तुरही बजाता आदमी चिह्न न दे। सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें कहा गया था कि अजित गुट अपने फायदे के लिए शरद पवार का नाम और फोटो इस्तेमाल कर रहा है। दरअसल, अजित पवार बीते साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। जिसके बाद गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी सीएम बनाया गया है। इसके बाद अजित ने शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।