मुंबई, 06 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिजल्ट डे पर स्टॉक मार्केट की गिरावट को बड़ा घोटाला बताया। उन्होंने इसकी जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) से जांच कराने की मांग की है। राहुल ने कहा कि 31 मई को भारी स्टॉक एक्टिविटी थी। ये वो लोग थे, जो जानते थे कि कोई न कोई घपला हो रहा है। हजारों करोड़ों यहां इन्वेस्ट हुए। 30 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। रीटेल इन्वेस्टर का नुकसान हुआ। ये हिंदुस्तान का सबसे बड़ा स्कैम है। पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाली 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तो शेयर बाजार आसमान पर जाएगा। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी आने की बात कहते हुए लोगों को शेयर खरीदने की सलाह दी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसी तरीके से शेयर बाजार में जोरदार उछाल की बात कही थी। लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन यानी 4 जून को सेंसेक्स में 4389 अंकों (5.74%) की गिरावट देखने को मिली थी। इससे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। 4 जून को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवर ऑल मार्केट कैप 395 लाख करोड़ रुपए हो गया थो। एक दिन पहले यह लगभग 426 लाख करोड़ रुपए था।
वहीं, राहुल के आरोप पर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा, 'फिर एक बार मोदी सरकार आना निश्चित है। इस बात से राहुल गांधी परेशान नजर आते हैं। लोग निवेश न करें, इसके लिए बोल रहे हैं। आज से 10 साल पहले जब यूपीए की सरकार थी, तब भारत का मार्केट कैप 67 लाख करोड़ था। यही मोदी जी को विरासत में मिला था। आज हमारा मार्केट कैप 415 लाख करोड़ का मार्केट कैप हो चुका है। इसमें 5 गुना से ज्यादा बढ़त मोदी सरकार के कार्यकाल में हुई है। जिस दिन एग्जिट पोल आए तो मार्केट ऊपर था। तब फॉरेनर्स ने महंगे दाम पर शेयर खरीदे। भारतीय निवेशकों ने बेचकर लाभ लिया। 4 जून को जब मार्केट गिरा, तब फॉरेन इन्वेस्टर्स ने कम दाम पर बेचा और भारतीय निवेशकों ने खरीदा। भारतीय निवेशकों ने सोचा कि मोदी सरकार आ रही है, हम फायदा कमाएंगे। कहने का मतलब ये है कि भारतीय निवेशकों ने महंगे दाम पर बेचा और कम दाम में खरीदा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए सवाल -
सवाल: पहले भी आप कई मामलों में JPC जांच की मांग कर चुके हैं। इस मामले में क्या आप कोर्ट में जाएंगे या थाने में शिकायत करवाएंगे?
जवाब: हम आपको जानकारी दे रहे हैं कि जो भी हुआ है, वह नॉर्मल नहीं है। वित्त मंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री ने इंडिकेशन दिया था। अडाणी जी के चैनल के जरिए इंटरव्यू देकर लोगों को मैसेज दिया था। इसके बाद ही लोगों ने इन्वेस्टमेंट किया था। फिलहाल तो हम JPC की मांग कर रहे हैं, ताकि लोगों को इस मामले में पता चल सके।
सवाल: जिनके शेयर सबसे ज्यादा खरीदे और बेचे गए। क्या उनकी भी जांच होनी चाहिए?
जवाब: ये एकदम क्लियर है कि स्कैम हुआ है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने डायरेक्ट कहा कि स्टॉक मार्केट ऊपर जाएगा। PM ने साफ कह दिया कि स्टॉक खरीदना चाहिए। जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री इस तरह की बात करते हैं तो जनता का विश्वास बढ़ता है। इन लोगों को पहले से मालूम था कि रिजल्ट 400-300 सीट का नहीं है। फिर भी मार्केट को अस्थिर करने की कोशिश की।
सवाल: आप रैलियों में कुछ बिजेनसमैन का नाम लेते रहे हैं। क्या सरकार ने उनकी मदद करके और अमीर बनाने की कोशिश की है।
जवाब: मैं सिर्फ सरकार की बात नहीं कर रहा हूं। इसमें जनता का पैसा और कमाई गई है। इसमें करोड़ों ईमानदार युवा हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने मैसेज दिया कि 4 जून को स्टॉक मार्केट आसमान छुएगा। लेकिन उनको पहले से पता था कि 4 जून को स्टॉक मार्केट का नुकसान होने वाला है। क्योंकि उनके पास हर तरह की रिपोर्ट थी। भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट थी की उन्हें 220 सीटें मिलेंगी। इससे हजारों करोड़ रुपए जनता का पैसा चोरी किया गया है। इसीलिए मैं जनता के लिए बोल रहा हूं कि मामले की जांच होनी चाहिए कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने गलत जानकारी क्यों दी? ये फॉरेन इन्वेस्टर कौन हैं, जिन्होंने इस दिन फायदा उठाया?
सवाल: क्या आप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर स्कैम करने का आरोप लगा रहे हैं?
जवाब: हम हवा में बात नहीं कर रहे हैं। अगर मामले की जांच होगी तो सब साफ-साफ पता चल जाएगा। इसके लिए गलत एग्जिट पोल चलाए गए। उन्हीं के लोगों ने इन्वेस्ट किया और उनको फायदा हुआ और बाकी लोगों को घाटा हुआ। इस मामले में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री डायरेक्ट इन्वॉल्व हैं।
सवाल: क्या अडाणी को फायदा दिलाने के लिए ऐसा किया गया है?
जवाब: नहीं। लेकिन मेरे कहने का अर्थ है कि अडाणी का कनेक्शन हो सकता है। इसमें भाजपा के सबसे बड़े नेताओं की तरफ से रिटेल इन्वेस्टर को मैसेज दिया गया कि आपको स्टॉक खरीदना चाहिए। उनके पास गलत एग्जिट पोल होने की जानकारी थी। उनके पास जानकारी थी कि भाजपा को बहुमत नहीं मिल रहा और वो जानते थे कि 4 जून को क्या होने वाला है? इस सबसे लोगों का 30 लाख करोड़ रुपए डूब गया है। हजारों-लाखों करोड़ रुपए का चुने हुए लोगों को फायदा हुआ है। इसी वजह से हम जांच चाहते हैं।
सवाल: क्या इस बार के शेयर मार्केट स्कैम और अडाणी के हिंडनबर्ग मामले की एक साथ जांच हो?
जवाब: ये एक बड़ा इश्यू है और अडाणी मामले से बड़ा केस है। हालांकि ये दोनों केस एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शेयर खरीदने की सलाह दी थी। ये इतिहास में पहली बार हुआ है कि प्रधानमंत्री ने स्टॉक मार्केट पर अपनी राय दी। उन्होंने कई बार इस बात को दोहराया।
सवाल: आप JPC की मांग कर रहे हैं। इससे कई बार संसद का समय बर्बाद होता और कामकाज ठप हो जाता है। ये जनता के पैसों से जुड़ा मामला है। क्या आप सड़कों पर प्रदर्शन करके भी इस मामले में कुछ करेंगे?
जवाब: हम आपको बता रहे हैं कि साफ तौर पर घोटाला हुआ है। हम जब भी कोई मुद्दा उठाते हैं तो भाजपा का कहना होता है कि हम टाइम वेस्ट कर रहे हैं। कई पत्रकार भी भाजपा की तरह बात करते हैं। हम JPC करवाएंगे, क्योंकि अब विपक्ष के पास ज्यादा ताकत है और पहले से ज्यादा स्ट्रॉन्ग है।
सवाल: जिन आम निवेशकों के पैसे डूबे हैं, उनमें हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के लोग भी शामिल हैं। इन तीनों स्टेट में आपकी सरकार है। क्या आप राज्य की एजेंसियों से मामले की जांच करवाएंगे?
जवाब: इस पर सोचा जा सकता है, लेकिन ऐसी चीज के लिए JPC सही औजार होगी।
सवाल: क्या आपको लगता है कि केंद्र सरकार JPC जांच करवाएगी? अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो आप क्या करेंगे?
जवाब: विपक्ष पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। ऐसे में हम प्रेशर डालेंगे। इससे दूसरा नतीजा आएगा।