मुंबई, 09 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे हैरान करने वाले हैं। हरियाणा में भाजपा से हार पर I.N.D.I.A ब्लॉक के नेताओं ने कांग्रेस की नीति पर सवाल उठाए। शिवसेना (उद्धव गुट) ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि कांग्रेस जीत को हार में बदलना जानती है। TMC नेता साकेत गोखले ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि अहंकार और क्षेत्रीय दलों को हीन दृष्टि से देखना हार का कारण बना।
राहुल ने लिखा, हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों से शिकायतों आ रही हैं। हम चुनाव आयोग को इससे अवगत कराएंगे। हम हक का, सामाजिक और आर्थिक न्याय का, सच्चाई का यह संघर्ष जारी रखेंगे।' राहुल ने जम्मू-कश्मीर में I.N.D.I.A गठबंधन की जीत पर लोगों का आभार जताया। शिवसेना ने सामना में लिखा, 'हरियाणा की हार से कांग्रेस को सीख लेने की जरूरत है। हरियाणा की हार कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस और राज्य के नेताओं के अहंकार का नतीजा है। हुड्डा ने नॉन जाट वोटर्स को साथ नहीं लिया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो पहले बता दे। राउत ने कहा कि भाजपा ने हारी हुई बाजी जीत ली। हर कोई मानता था कि कांग्रेस जीत रही है लेकिन वह फिर भी हार गई। भाजपा जीती क्योंकि उसके पास एक सिस्टमैटिक मैनेजमेंट है। साथ ही, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा में अपनी हार के कारणों का पता लगाने के लिए गहराई से सोचना होगा। मैंने पहले ही कहा था कि हम इन एग्जिट पोल्स पर भरोसा करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। किसी ने नहीं सोचा होगा कि एग्जिट पोल इतने गलत होंगे। 30, 60 बन गए और 60, 30 बन गए।
दरअसल, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 54 दिन की चुनावी कशमकश के नतीजे मंगलवार, 8 अक्टूबर को आए। दोनों राज्यों में 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 46। हरियाणा में भाजपा 48 सीटें जीतकर रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। राज्य में अब तक किसी राजनीतिक दल ने लगातार 3 बार सरकार नहीं बनाई है। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। कांग्रेस-NC गठबंधन ने 48 सीटें हासिल कीं। भाजपा 29 सीटों पर जीती। 15 साल पहले 2009 में भी कांग्रेस और NC गठबंधन की सरकार बनी थी। तब उमर 38 साल के थे और राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे।