मुंबई, 12 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पीएम मोदी ने राजस्थान के बाडमेर में दूसरी चुनावी रैली की। यहाँ मोदी ने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि आप किसके इशारे पर काम कर रहे हैं, जो भारत को शक्तिहीन करना चाहता है। आखिर किसके दबाव में आपका गठबंधन हमारी परमाणु ताकत को खत्म करना चाहता है। उन्होंने कहा, जहां तक संविधान का सवाल है, तो लिखकर ले लीजिए कि बाबा साहेब अंबेडकर खुद आ जाएं तो भी संविधान खत्म नहीं कर सकते हैं। हमारा संविधान हमारे लिए गीता है, रामायण है, बाइबल है, कुरान है। यह चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करने का चुनाव है। कांग्रेस ने 5 दशक से ज्यादा देश पर हुकूमत की, लेकिन एक भी ऐसी बड़ी समस्या नहीं है, जिसका पूरा समाधान दिया हो।
माेदी ने कहा, राजस्थान के रेगिस्तान में महिलाएं कहती थीं कि घी ढुल जाए तो मेरा कुछ नहीं जाएगा, लेकिन पानी नहीं ढुलना चाहिए। मोदी ने इस समस्या को दूर करने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसमें भी भ्रष्टाचार किया। कांग्रेस की सोच ही विकास विरोधी है। देश के सीमावर्ती गांवों को वे जानबूझकर विकास से दूर रखते थे। वे कारण बताते थे कि सीमा के पास विकास होगा तो दुश्मन के कब्जा करने की संभावना बढ़ जाएगी। ये शर्म की बात है। किस दुश्मन के कलेजे में हिम्मत है कि वो बाड़मेर की सीमा में कब्जा करने की सोचे। हम देश के सीमावर्ती गांव को पहला गांव मानते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस राजस्थान से एक भी सीट जीतने की हकदार नहीं है। इस बार तो उनकी सीटों पर जमानत जब्त होना चाहिए। उन्हें साफ कर दीजिए। वे सुधरेंगे नहीं। जब मैं बाड़मेर रिफाइनरी के इनॉगरेशन के लिए यहां आऊंगा तो आपको इसका महत्व बताउंगा। मेरा अनुरोध है कि पहले मतदान करें, फिर जलपान करें।
मोदी ने यह भी कहा कि, कांग्रेस पार्टी भारत को सिर्फ जमीन का टुकड़ा मानती है। कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि कश्मीर से 370 हटाई तो राजस्थान से क्या वास्ता? ये राजस्थान की राष्ट्रभक्ति पर सवाल करने की हिम्मत करते हैं। जिस राजस्थान के वीरों ने कश्मीर के लिए सीने पर गोली खाई, उससे पूछते हो कि कश्मीर से क्या वास्ता? जिस राजस्थान में कश्मीर में जन्में बाबोसा रामदेवजी की घर-घर में पूजा होती हो, उससे पूछते हो कि कश्मीर में क्या वास्ता? राजस्थान ने कश्मीरी पंडितों को गले लगाया था, उन्हें पता नहीं होगा कि कारगिल के लोग ईरान गए थे। वहां कोविड में फंस गए थे। उन्हें वापस लाना था। उन्हें हिंदुस्तान लाकर राजस्थान की वीर भूमि जैसलमेर में रखा गया। माइनस तापमान में रहने वाले यहां तपती गर्मी में रहे।