मुंबई, 27 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जबलपुर में कोर्स की किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शिक्षण सामग्री के नाम पर अभिभावकों से मनमानी राशि वसूलने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। ऐसे स्कूलों से अभिभावकों को 81.30 करोड़ रुपए की फीस वापस कराई गई है। साथ ही इन स्कूलों पर 22 लाख रुपए की पेनाल्टी भी लगाई है। प्रशासन ने 51 लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है। जिनमें स्कूलों के चेयरमैन, प्राचार्य, सीईओ, मैनेजर, सदस्य, एडवाइजर समेत 20 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वसूली और पुस्तक स्टेशनरी में की जा रही कमीशनखोरी की जांच के बाद लोगों से फेसबुक पर लाइव संवाद किया। दोनों ही अधिकारियों ने निजी विद्यालयों की फीस वसूली की जांच में आए तथ्यों की जानकारी दी। साथ ही कहा कि ऐसे मामलों से प्रशासन को अवगत कराएं। जिससे कार्रवाई की जा सके।
दरअसल, नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद 1 अप्रैल 2024 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए निर्देश दिए थे। इस पर जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अप्रैल 2018 से अप्रैल 2024 तक अभिभावकों से वसूली गई फीस की जांच कराई थी। जिसमें बस्तों के वजन गाइडलाइन के मुताबिक नहीं पाए गए। 11 स्कूलों की जांच में फीस, बस्ते और ड्रेस में 4.12 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी भी उजागर हुई है। इसके बाद 51 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसमें स्कूल प्रबंधन से जुड़े 30 लोग, 5 पुस्तक विक्रेता और 16 प्रकाशक से संबंधित लोग हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकों, नवीन पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल कराकर बस्तों का बोझ बढ़ाया गया है।