मुंबई, 12 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पश्चिम बंगाल के पुरबा मेदनीपुर जिले से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके नाम अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, 1 मार्च को शाजिब ने कैफे में IED रखा था, जबकि ताहा ने इसका पूरा प्लान तैयार किया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को एजेंसी ने कोलकाता स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी के कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इन्हें 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 5 अप्रैल को बताया था कि मुसाविर हुसैन शाजिब मुख्य आरोपी और अब्दुल मतीन ताहा सह-आरोपी है। मुसाविर ही कैफे में विस्फोटक लेकर गया था। दोनों ही कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दोनों की तलाश में कर्नाटक, तमिलनाडु और UP के 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। 29 मार्च से दोनों पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इससे पहले जांच एजेंसी ने ब्लास्ट केस में बीजेपी कार्यकर्ता साई प्रसाद को भी हिरासत में लिया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि साई का कैफे ब्लास्ट के आरोपियों से कनेक्शन है। भाजपा मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने दावा किया था कि दोनों आरोपी कोलकाता से पकड़े गए हैं, लेकिन बंगाल पुलिस ने उनके दावे का खंडन करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की सही लोकेशन बताई। जहां से आरोपी पकड़े गए, वह पुरबा मेदनीपुर जिला कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर है। इससे पहले जांच एजेंसी ने 23 मार्च को दो संदिग्धों की पहचान की थी। फरार आरोपी ताहा तमिलनाडु पुलिस इंस्पेक्टर के. विल्सन की हत्या के मामले में वॉन्टेड था और चेन्नई में मुख्य संदिग्ध के साथ रहा था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के मुताबिक, शाजिब और ताहा दोनों ही ISIS मॉड्यूल का हिस्सा हैं। इसकी पुष्टि मॉड्यूल के सदस्यों ने भी की थी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था।
आपको बता दें, NIA ने मुख्य आरोपी की पहचान आसपास के एक हजार से अधिक CCTV कैमरों की जांच करके की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, ताहा हमेशा टोपी पहनता था, जो उसने चेन्नई में रहने के दौरान खरीदी थी। संदिग्ध हमलावर शाजिब को विस्फोट के दिन वही टोपी पहने देखा गया था। जांच में पाया गया कि इस टोपी के सिर्फ 400 पीस ही बेचे गए थे। एक अन्य CCTV फुटेज में NIA अधिकारियों ने ताहा को चेन्नई के एक मॉल से टोपी खरीदते हुए देखा था। विस्फोट के बाद संदिग्ध ने कैफे से कुछ दूरी पर टोपी गिरा दी थी। जांच करने पर पता चला कि टोपी जनवरी के आखिर में मॉल से खरीदी गई थी। NIA के सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्हें टोपी में बाल मिले, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में मुख्य संदिग्ध शाजिब के माता-पिता के DNA सैंपल से इसे मिलाया गया। बाद में शाजिब के माता-पिता ने उसका CCTV फुटेज देखा और पुष्टि की कि जो व्यक्ति देखा गया वह उनका बेटा है। एजेंसी ने यह भी कहा कि संदिग्ध को आखिरी बार आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में देखा गया था।