मेरी माटी मेरा देश अमृत कलश यात्रा का हुआ समापन, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Tuesday, October 31, 2023

मुंबई, 31 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के कर्तव्‍य-पथ (विजय चौक) पर मेरी माटी मेरा देश अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने देशभर से लाई गई मिट्टी को भारत कलश में डालकर तिलक लगाया और वीरों और वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने मेरा युवा भारत पोर्टल भी लॉन्च किया। इससे पहले, पीएम ने इस यात्रा की एक डिजिटल प्रदर्शनी भी देखी। आपको बता दें, देशभर के गांवों से साढ़े आठ हजार अमृत कलशों में मिट्टी भरकर दिल्ली लाई गई है। इसे कर्तव्य पथ के पास रखे भारत कलश में इकट्ठा किया गया है। वहीं, संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, इस अभियान ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है, जिसमें अब तक दो लाख से ज्यादा प्रोग्राम हो चुके है। वहीं, इस अभियान से जुड़ी 4 करोड़ से ज्यादा सेल्फी भी इसकी वेबसाइट पर अपलोड हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान ग्राम पंचायत और ग्राम सभाओं के स्तर पर अब तक 2.33 लाख से ज्यादा शिलालेख की स्थापना की गई है। उनमें आजादी के वीर शहीदों को याद किया गया है। ज्यादातर शिलालेख अमृत सरोवरों के पास स्थापित किए गए है। इस अभियान के तहत देशभर में 2.63 लाख से ज्यादा अमृत वाटिकाओं का भी निर्माण किया गया है, जिसमें करीब 24 लाख पौधे लगाए गए हैं।

मोदी ने कहा कि आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर कर्तव्य पथ एक ऐतिहासिक महायज्ञ का साक्षी बन रहा है। कई लोगों के मन में ये सवाल उठ सकता है कि मिट्टी ही क्यों, मिट्टी से भरे कलश ही क्यों? एक कवि ने कहा है- ये वह मिट्टी, जिससे जीवन पलता आया। इस मिट्टी की सौगंध खाकर वीरों ने आजादी की लड़ाई लड़ी। कितने ही किस्से इस मिट्टी से जुड़े हुए हैं। कई साल पहले एक बच्चा मिट्टी में लकड़ी बो रहा था। पिता ने पूछा- क्या बो रहे हो? लड़के ने कहा- बंदूकें बो रहा हूं, जिससे देश को आजाद कराऊंगा। वो वीर भगत सिंह थे। माटी स्वरूप चंदन को हम माथे पर लगाने के लिए लालायित रहते हैं। हमारे मन-मस्तिष्क में यही चलता है कि जो माटी का कर्ज चुका दे, वही जिंदगानी है। इसलिए ये जो अमृत कलश यहां आए हैं, इनके भीतर मिट्टी का हर कण अनमोल है। ये सुदामा की पोटली में रखे चावल की तरह हैं। देशभर से लाई इस मिट्टी में देश की अनगिनत आकांक्षाएं, संकल्प शामिल हैं। ये मिट्टी हमें विकसित भारत की सिद्धि और परिश्रम के लिए प्रेरित करती रहेगी। आज हम संकल्प लेते हैं कि जन-जन का जाकर जगाएंगे। सौगंध मुझे इस मिट्टी की, हम भारत भव्य बनाएंगे।

उन्होंने आगे कहा, इस मिट्टी के साथ-साथ देशभर से जो पौधे आए हैं, उनसे अमृत वाटिका बनाई जा रही है। इसका आज शिलान्यास हुआ है। ये आने वाली पीढ़ियों को एक भारत-श्रेष्ठ भारत की प्रेरणा देगा। नई संसद में एक कलाकृति है, जिसे देश क 75 कलाकारों ने देश की मिट्टी से बनाया है। आजादी का अमृत महोत्सव करीब-करीब 1000 दिन चला। इसका सबसे सकारात्मक प्रभाव युवाओं पर पड़ा। हममें से कई लोगों ने गुलामी नहीं देखी। मैं पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसका जन्म आजादी के बाद हुआ। दूरदर्शन पर मैं जब स्वराज सीरीज देख रहा था तो जो भाव उमड़े, वो भाव मैं युवाओं में देख रहा हूं। आज हम संकल्प लेते हैं, हम जन-जन को जाकर जगाएंगे, सौगंध मुझे इस मिट्टी की, हम भारत भव्य बनाएंगे। किसान हो, वीर जवान हो, किसका खून-पसीना इसमें नहीं मिला है। इसी माटी के लिए कहा गया है, चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है।


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