मुंबई, 11 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को इस मुद्दे पर कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने को कहा है। इस टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी होगी। इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट में 19 जनवरी को बहस हुई थी। तब सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि सर्वे 29 अप्रैल तक पूरा करना है। हाईकोर्ट ने इस वैज्ञानिक सर्वे को GPR-GPS तरीके से करने के लिए कहा है। आपको बता दें, GPR यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों की हकीकत जांचने की तकनीक है। इसमें रडार का उपयोग होता है। यह अदृश्य यानी छुपी वस्तुओं के विभिन्न स्तर, रेखाओं और संरचनाओं का माप लेता है। GPS सर्वे यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के तहत भी सर्वे किया जाएगा। बिल्डिंग की उम्र पता करने के लिए कार्बन डेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया जाएगा। पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
तो वहीं, हिंदू पक्ष के वकील एडवोकेट विष्णुशंकर जैन ने बताया कि सर्वे दोनों पक्षों की मौजूदगी में होगा। इससे भोजशाला के मूल स्वरूप की सच्चाई सामने आ सकेगी। मामले की सुनवाई अब 29 अप्रैल को होगी। इससे पहले सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। साथ ही, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए। भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग स्वीकार कर ली है।
आपको बता दें, जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। यह यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। इसके अवशेष प्रसिद्ध मौलाना कमालुद्दीन मस्जिद में देखे जा सकते हैं। यह भोजशाला के कैंपस में स्थित है जबकि देवी की प्रतिमा लंदन के म्यूजियम में रखी है। भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए दोनों पक्षों को नि:शुल्क प्रवेश मिलता है। बाकी दिनों में 1 रुपए का टिकट लगता है। इसके अलावा वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए हिंदू पक्ष को पूरे दिन पूजा और हवन करने की अनुमति है।