मुंबई, 03 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम पर झूठे आरोप लगाए गए। हमें लापता जेंटलमेन कहा गया, लेकिन इसी दौरान देश में वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है। हमें लगा था कि हम पर सबसे ज्यादा हमले देश के बाहर से होंगे, लेकिन देश के अंदर से ही हम पर आरोप लगाए गए। इस समय 17C की देश में सबसे ज्यादा चर्चा में है। यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों को इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि ये क्या है। हमने फेक न्यूज रोकी, लेकिन खुद पर होने वाले हमले नहीं रोक पाए।कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं है। कांग्रेस नेता ने शनिवार को कहा था- शाह ने 150 कलेक्टरों को धमकाया है।
CEC ने आगे कहा, 150 कलेक्टर से बात करने वाली बात फेक नैरेटिव है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अमित शाह पर कलेक्टर्स को धमकाने का आरोप लगाया था। आजकल इल्जामातों का दौर बुलंद है तलखियों का बाजार गर्म है मंजूर है इल्जाम लगाओ मगर शर्त इतनी है सबूत साथ हों। चुनाव हमें एक महीने पहले खत्म कर देना था। इतनी गर्मी में नहीं करना चाहिए था। ये हमारी पहली लर्निंग है। दूसरा फेक नैरेटिव से लड़ने का। 78.26 % पहले फेज का डेटा है। इसमें क्या नहीं था, पीसी और एसी का टोटल टॉप पर नहीं था। बाकी सब था। सेकंड फेज से वह भी दिखने लगा था। माहौल क्या बना, वोटर टर्नआउट गड़बड़ किया। ये फेक नैरेटिव है। जो चल रहा है। हम मानते हैं कि हम इसे समझने में फेल रहे, लेकिन अब समझ गए हैं। 2019 में एक वोटर टर्नआउट को लेकर केस आया। उसमें भी हमने जवाब दिया। वो भी इतने दिन चुप था। उसमें आरोप था कि हमने वोटर टर्नआउट का डाटा नहीं दिया। वोटर टर्नआउट में कुछ भी गड़बड़ नहीं हुआ। वोटर टर्नआउट का डाटा जैसे आपको मिला, वैसे ही हमें मिला। इसमें कुछ गड़बड़ नहीं हुआ।
उन्होंने आगे कहा, हमने 4 M की बात की थी, एक छिपा हुआ M था। ये एक पैटर्न था। सब बह गए उसमें। हम समझ नहीं पाए कि इससे कैसे लड़े। पहला था- वोटर लिस्ट गलत है। 15 दिन तक हलफनामा बनाया। बाद में पता चला कुछ नहीं था। लेकिन इसे चुनाव से तुरंत पहले रखा गया। चुनाव शुरू हुए तो EVM आ गया। ये क्या कर सकता था। वो बताते हैं। हमने फेक न्यूज रोकी, लेकिन खुद पर होने वाले हमले नहीं रोक पाए। हम चुनाव कराएं या यह सब देखें। 16 मार्च को मैंने कहा था, झूठ का एक बाजार है, यहां गुब्बारे फटते हैं। हमें यह नहीं पता था कि यह हम पर ही फटेगा। हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी G7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और EU के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। जम्मू-कश्मीर की स्टोरी आशा देने वाली है। ये लोग लोकतंत्र में भाग लेकर आगे आना चाहते हैं। बहुत जल्दी हम इनकी इच्छा पूरी करेंगे। जम्मू-कश्मीर में बहुत जल्द चुनाव होंगे। हम इसकी प्रक्रिया जल्दी शुरू करेंगे।
वहीं, दैनिक भास्कर के रिपोर्टर मुकेश कौशिक ने पूछा, जब सुप्रीम कोर्ट ने NOTA को लागू करने का आदेश दिया था, तब इसे प्रत्याशी जैसा माना गया था। ऐसे में सूरत में प्रत्याशी को निर्विरोध कैसे निर्वाचित किया गया। इसके जवाब में CEC ने कहा, हमारी कोशिश यही है कि हर जगह चुनाव होना चाहिए। लड़कर जीतने में जो प्रतिष्ठा है, वह निर्विरोध जीतने में नहीं है। लेकिन, प्रत्याशी नामांकन वापस ले तो हम क्या कर सकते हैं। जहां एक ही कैंडिडेट हो वहां वोटिंग कराना ठीक नहीं होगा।