मुंबई, 20 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन ने अंग्रेजी चैनल डीडी न्यूज के लोगो का रंग लाल से बदलकर नारंगी कर दिया है। इस पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद और प्रसार भारती के पूर्व CEO जवाहर सरकार ने कहा कि दूरदर्शन का भगवाकरण हो गया है। अब ये प्रसार भारती नहीं, प्रचार भारती हो गया है। 16 अप्रैल को दूरदर्शन ने सोशल मीडिया X पर नया प्रमोशनल वीडियो शेयर किया। इसके कैप्शन में लिखा- हालांकि हमारे मूल्य वही हैं, अब हम एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाएं जो पहले कभी नहीं देखी गई। बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें। डीडी न्यूज - भरोसा सच का। वहीं UPA सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुके कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा- दूरदर्शन के लोगो का रंग बदलना सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का सरकार का प्रयास है। ऐसे कदम देश के पब्लिक ब्रॉडकास्टर की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं।
वहीं, प्रसार भारती के वर्तमान CEO गौरव द्विवेदी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, लोगो का रंग नारंगी है न कि भगवा। सिर्फ लोगो में ही बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि हमने डीडी के पूरे लुक और फील को अपग्रेड किया गया है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस बारे में अर्नगल टिप्पणी कर रहे हैं। हम पिछले छह-आठ महीने से डीडी के लुक और फील को बदलने पर काम कर रहे थे। दूसरी और जवाहर सरकार ने एक वीडियो जारी कर कहा, चुनाव से ठीक पहले प्रसार भारती के पूर्व CEO के रूप में दूरदर्शन के लोगो का भगवाकरण देखकर दुख होता है। एक तटस्थ पब्लिक ब्रॉडकास्टर अब पक्षपाती सरकार के साथ एक धर्म और संघ (RSS) परिवार के रंग को शामिल करके मतदाताओं को प्रभावित करेगा। सरकार ने कहा, मैं यह महसूस कर रहा हूं कि यह अब प्रसार भारती नहीं है, यह प्रचार भारती है। सरकार ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी बताया है। सरकार साल 2012 से साल 2016 तक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की देखरेख करने वाली संस्था प्रसार भारती के CEO रह चुके हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, भगवा से इतनी नफरत है इन लोगों को। भगवा रंग का आनंद ये लोग नहीं ले सकते। ये लोग सिर्फ तुष्टिकरण करने वाले लोग है। वहीं आंध्र प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष ने कहा- जब दूरदर्शन 1959 में लॉन्च किया गया था, तो इसका लोगो भगवा था। सरकार ने मूल लोगो को ही अपनाया है, तो लिबरल्स और कांग्रेस नाराजगी जता रहे हैं। यह स्पष्ट करता है कि वे भगवा और हिंदुओं के प्रति घृणा रखते हैं।