मुंबई, 20 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बार बार समन भेजे जाने पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को तलब किया। कोर्ट ने ईडी को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की अध्यक्षता वाली बेंच ने केजरीवाल के वकीलों से भी पूछा, केजरीवाल ईडी के सामने पेश क्यों नहीं होते? आप देश के नागरिक हैं, समन सिर्फ नाम के लिए है। इस पर CM के वकीलों ने कहा कि AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ED गिरफ्तार कर चुकी है। ED केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है। वे भाग नहीं रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें सुरक्षा मिली, तो वे पेश हो जाएंगे। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और स्पेशल काउंसिल जोहेब हुसैन ने कोर्ट में ED का पक्ष रखा। केजरीवाल की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी कोर्ट में पेश हुए। इस मामले पर 22 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।
दरअसल, CM केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है। अगर CM केजरीवाल आगे भी पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकता है।