मुंबई, 04 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए ट्रेन हादसे पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) की रिपोर्ट आ गई है। जिसके मुताबिक, रेल रोड बैरियर की रिपेयरिंग करने वाले कर्मचारियों ने नेटवर्क के ऑटोमेटेड सिग्नलिंग सिस्टम को खराब कर दिया था। लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग की गई थी। गलत सिग्नल की वजह से ट्रेन गलत ट्रैक पर चली गई। लेवल क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर सारे तार गलत जुड़े थे। उसके चलते ही मेंटेनेंस वर्क के दौरान गड़बड़ी हुई, जिसके चलते गलत फंक्शन इंडिकेट हो रहे थे। इसके बारे में सालों तक पता नहीं चल सका।
तो वहीं, हादसे के लिए सिग्नलिंग डिपार्टमेंट को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। रिपोर्ट में स्टेशन मास्टर का नाम भी है, जो सिग्नलिंग कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी का पता नहीं लगा पाए। वहीं, बालासोर में एक अन्य जगह भी लोकेशन बॉक्स के डायग्राम का इस्तेमाल बहनागा बाजार के लोकेशन बॉक्स के लिए हुआ था। ये एक गलत कदम था, जिसके चलते गलत वायरिंग हुई। साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस में मेन लाइन के लिए ग्रीन सिग्नल था। जबकि ट्रेन की डायरेक्शन डिसाइड करने वाला सिस्टम गलत तरीके से लूप लाइन' की ओर इशारा करता रहा। आपको बता दें, बालासोर रेल दुर्घटना में 293 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 1,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
वहीं, यह रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि रिपोर्ट में वही सामने आया है, जिसके बारे में हम हमेशा से कहते आ रहे हैं। वंदे भारत और बुलेट ट्रेनों पर फोकस करने के लिए स्पेशल कैडरों के साथ छेड़छाड़ करने की सनक में सरकार ने बुनियादी बातों से समझौता कर लिया। रेलवे सुरक्षा का मुद्दा सिर्फ फोटो क्लिक कराने का विषय नहीं है। साथ ही TMC ने कहा कि सरकार की लापरवाही से पैसेंजर ट्रेनें चलता फिरता मुर्दाघर बन गई हैं।