मुंबई, 25 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी की ओर से 'भागीदारी न्याय सम्मेलन' का आयोजन किया गया, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस सम्मेलन का मकसद OBC समुदाय को संगठित करना, उनके मुद्दों को प्रमुखता देना और पार्टी के भीतर उनकी भागीदारी को मजबूत करना था। राहुल गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि मोदी कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं, बल्कि वह सिर्फ दिखावे की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मोदी से दो-तीन बार मुलाकात की है और मुझे नहीं लगता कि उनमें कोई विशेष ताकत है, बल्कि लोगों ने उन्हें जरूरत से ज़्यादा बड़ा बना दिया है। राहुल गांधी ने अपने भाषण में इस बात को भी स्वीकार किया कि पहले वह OBC समुदाय के मुद्दों को गंभीरता से नहीं समझ पाए थे और यह उनकी व्यक्तिगत गलती थी, जिसे अब वे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वादा किया कि अब कांग्रेस पार्टी OBC वर्ग के अधिकारों के लिए पूरी ताकत से खड़ी होगी।
राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना को सामाजिक न्याय का सबसे अहम माध्यम बताया और कहा कि अगर वह पहले इस विषय की गहराई को समझते, तो बहुत पहले इस दिशा में कदम उठा लेते। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर देश हिंदू इंडिया है, जैसा कि प्रधानमंत्री कहते हैं, तो फिर मीडिया, कॉरपोरेट और ब्यूरोक्रेसी में OBC वर्ग की भागीदारी क्यों नहीं है? राहुल ने कहा कि ये व्यवस्थाएं आदिवासियों, दलितों और OBC वर्गों की जमीनें छीनकर उद्योगपतियों को दे रही हैं। उन्होंने बीजेपी नेताओं की कथनी और करनी पर भी सवाल उठाया और कहा कि वे अंग्रेजी को हटाने की बात करते हैं, जबकि उनके अपने बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अंग्रेजी भी उतनी ही जरूरी है। इसके साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि मेहनत करने वाले OBC, आदिवासी और दलितों को उनके हिस्से का अधिकार नहीं मिल रहा और ACR जैसी व्यवस्था के जरिए उन्हें पीछे किया जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को "झूठों का सरदार" करार दिया और उन पर हर मंच से झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी ने देश से रोजगार, कालाधन और किसानों के समर्थन जैसे कई वादे किए, लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया। खड़गे ने यह भी दावा किया कि मोदी पहले ऊंची जाति से थे और बाद में खुद को राजनीतिक लाभ के लिए OBC घोषित किया। इस सम्मेलन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता सचिन पायलट जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। सम्मेलन में कांग्रेस के OBC डिपार्टमेंट का नया लोगो भी लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम में केवल रजिस्टर्ड प्रतिनिधियों को ही प्रवेश दिया गया था और OBC समितियों के सदस्यों को राज्य और जिला स्तर पर नामांकन कराकर बुलाया गया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल कांग्रेस की OBC इकाई को मजबूत करना है, बल्कि सभी राज्यों में जाति सर्वेक्षण के जरिए समुदाय विशेष की जरूरतों को समझना और उन्हें पार्टी की विचारधारा से जोड़ना भी है। वहीं, केंद्र सरकार ने भी 30 अप्रैल 2025 को जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया है, जिसे स्वतंत्र भारत में पहली बार व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, लेकिन उसके जातीय आंकड़े आज तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।`