मुंबई, 20 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले नए कानून को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। केंद्र सरकार ने कहा, यह दलील गलत है कि किसी संवैधानिक संस्था की स्वतंत्रता तभी होगी, जब सिलेक्शन पैनल में कोई ज्यूडिशियल मेंबर जुड़े। इलेक्शन कमीशन एक स्वतंत्र संस्था है। इस याचिका का मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद को खड़ा करना है। सुप्रीम कोर्ट नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। ये याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर ने दाखिल की थी। पीठ ने इस याचिका पर 12 जनवरी को सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
जया ठाकुर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि धारा 7 और 8 स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत का उल्लंघन है क्योंकि यह चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र तंत्र प्रदान नहीं करता है। याचिका में यह कहा भी गया है कि यह कानून सुप्रीम कोर्ट के मार्च 2023 के फैसले को पलटने के लिए बनाया गया, जिसने CEC और EC को एकतरफा नियुक्त करने की केंद्र सरकार की शक्तियां छीन ली थीं। यह वो प्रथा है जो देश की आजादी के बाद से चली आ रही है।