मुंबई, 25 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (CMS) के प्रमुख एन भास्कर राव ने ये दावा किया है की लोकसभा चुनाव-2024 में 1.35 लाख करोड़ खर्च हो सकते हैं। CMS बीते 35 साल से चुनाव में खर्च का लेखा-जोखा रख रहा है। न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में राव ने बताया, भारत में इस बार 96.6 करोड़ वोटर हैं। इस लिहाज से प्रति मतदाता खर्च करीब 1,400 रुपए अनुमानित है। 2019 लोकसभा चुनाव में 60 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं, चुनाव में खर्च के अनुमान पर राव कहते हैं कि इसके लिए चुनाव से जुड़े प्रत्यक्ष और परोक्ष सभी तरह के खर्चों को शामिल किया गया है। इसमें राजनीतिक दलों और संगठनों, उम्मीदवार, सरकार और चुनाव आयोग की तरफ से किया जाने वाला खर्च भी शामिल है। राव ने बताया कि हमने इस चुनाव में पहले 1.2 लाख करोड़ खर्च का अनुमान लगाया था। बाद में जब इलेक्टोरल बॉन्ड की बात सामने आई तो इसे 1.35 लाख करोड़ कर दिया। हमारा ये आकलन चुनाव तारीखों के ऐलान से 3-4 महीने पहले का है। राव ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में इलेक्टोरल बॉन्ड से इतर कई जगहों से पैसा आता है।
तो वहीं, एक लीडिंग एडवरटाइजिंग एजेंसी डेंट्सू क्रिएटिव के सीईओ अमित वाधवा कहते हैं, राजनीतिक दल आजकल कॉर्पोरेट्स ब्रांड्स के जैसे बर्ताव करते हैं। वे प्रचार के लिए प्रोफेशनल एजेंसीज को हायर करते हैं, ताकि उनकी बेहतर ब्रांडिंग हो। इसमें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट डिजिटल कैंपेन शामिल होता है। एक टॉप एजेंसी के ऑफिशियल के मुताबिक, किसी राजनीतिक विचारधारा से न जुड़ा वोटर, जिन्हें बाड़ पर बैठा व्यक्ति कहा जाता है, इन पर पार्टियों की नजर होती है। वहीं, मेटा और गूगल जैसे सोशल मीडिया दिग्गज भी पॉलिटिकल कैंपेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।