मुंबई, 23 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अपने साथ हुई मारपीट के बाद पहली बार इंटरव्यू दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए कहा कि वे 13 मई को सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने सीएम आवास गई थीं। वहां पर स्टाफ ने ड्राइंग रूम में बैठाया और कहा कि केजरीवाल घर पर हैं और मिलने आ रहे हैं। उसी समय बिभव कुमार वहां पर आते हैं और मुझसे मारपीट करने लग जाते हैं। बिभव ने मुझे सात आठ थप्पड़ मारे। जब मैंने उन्हें धक्का देने की कोशिश की तो उन्होंने मेरा पैर पकड़ लिया। मुझे नीचे घसीट दिया। मालीवाल ने आगे कहा कि मेरा सिर सेंट्रल टेबल से टकरा गया। मैं नीचे गिरी। फिर उन्होंने मुझे लातों से मारना शुरू किया। मैं बहुत जोर से चिल्लाई, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया।
पूछे गए सवाल जवाब -
सवाल: क्या बिभव ने किसी के निर्देश पर आपको मारा है ?
जवाब: बिभव ने खुद मारा या फिर किसी के निर्देश पर मारपीट की है। ये अब जांच का हिस्सा है। मैं दिल्ली पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रही हूं। मैं किसी को क्लीनचिट नहीं दे रही, क्योंकि फैक्ट ये है कि मैं ड्राइंग रूम में थी। चीख रही थी। केजरीवाल जी घर पर थे, लेकिन फिर भी कोई मदद के लिए नहीं आया।मैंने ये नहीं सोचा कि मेरा क्या होगा? मेरे करियर का क्या होगा? मेरे साथ ये लोग क्या करेंगे? बस मैंने ये सोचा कि जो चीज सारी महिलाओं को बोली है कि सच के साथ खड़े हो। अगर आपके साथ गलत हुआ है तो जरूर लड़ो। तो फिर मैं खुद कैसे नहीं लड़ सकती।
सवाल: बिभव कुमार का पार्टी में क्या रोल है?
जवाब: अरविंद केजरीवाल का सबसे बड़ा राजदार, सबसे करीबी आदमी इस वक्त बिभव कुमार है। वह कोई आम PA नहीं है। आप उसका घर देखिए, वो इतना बड़ा और लग्जीरियस है। उसे ऐसा घर दिया गया है जो दिल्ली के किसी मंत्री को भी नहीं दिया गया। बिभव कुमार से पार्टी में सभी लोग डरते हैं। वह बहुत रसूखदार इंसान है। पार्टी में ऐसा माना जाता है कि अगर बिभव नाराज हो गया तो आप खत्म हो गए। उन पर पहले भी असॉल्ट के केस लगे हैं।
सवाल: ऐसा तो हो ही नहीं सकता है कि CM के घर में किसी की पिटाई हो रही हो और घर से बाहर कोई न निकले?
जवाब: यही बड़ी अजीब बात है। मैं जोर-जोर से चीख रही थी। सच ये है कि कोई मदद के लिए नहीं आया।
सवाल: आपके दो वीडियो सामने आए हैं, एक जिसमें आप चलकर जा रहे हैं। AAP का कहना है कि आप आराम से चलकर जा रही हैं, अगर आपको पीटा गया था तो आप इतने आराम से कैसे चलकर जा रही थी? इसे लेकर आप क्या कहेंगीं कि क्या कोई विक्टिम ऐसे चल सकती है?
जवाब: जब मैं अपशब्द बोल रही थी, तो बिभव ने वीडियो बनाया था। वो पूरा वीडियो उसने मीडिया को क्यों नहीं दिया। जहां तक बात है कि मेरे आराम से चलकर जाने की, मैंने अपने 9 साल के करियर में कितनी लड़कियों की मदद की है। मैं निर्भया की मम्मी से मिली थी, तो उन्होंने कहा था कि अच्छा हुआ मेरी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। इस देश में न्याय पाने की जिल्लत उसे नहीं सहनी पड़ी। लोग निर्भया पर ही सवाल उठा रहे थे। जैसे मुझ पर सवाल उठाए गए कि कितने आराम से चल रही है, आराम से बैठी है। तो जब किसी के साथ मारपीट होती है, वो गुस्से में होता है, उसमें एड्रेनलीन रश होता है। गरम-गरम चोट में इंसान दौड़ भी जाता है, लेकिन जब आप महसूस करते हैं कि आपके साथ ऐसा हुआ है, तब आपको दर्द होता है।
सवाल: पार्टी से आपको क्या सपोर्ट मिला है?
जवाब: मैं 20 साल से इन लोगों से जुड़ी हुई हूं। लेकिन अब मेरे साथ कोई नहीं है। पार्टी में लोगों को डराया-धमाया जा रहा है कि मेरे खिलाफ बोलें। मेरे दोस्तों को कॉल करके कहा जा रहा है कि इसका कोई वीडियो दो, डांस करता हुआ कोई वीडियो दो। मैं अमेरिका में जहां AAP के काम से गई थी, तो जिन वॉलेंटियर्स के साथ रुकी थी उन्हें फोन करके कहा जा रहा है कि कोई वीडियो दो। पूरी ट्रोल आर्मी, पूरी मशीनरी को मेरे पीछे लगा रखा है।
सवाल: बिभव को इतना सपोर्ट क्यों किया जा रहा है। जैसे AAP पर आरोप लगते हैं कि उन्हें फॉरेन फंडिंग मिलती है, तो क्या बिभव के पास इससे जुड़ी जानकारी है?
जवाब: बिभव इस वक्त केजरीवाल के सबसे करीबी हैं, राजदार हैं। अब केजरीवाल के कौन से राज उनके पास हैं या नहीं, ये तो इन्वेस्टिगेशन का मामला है।
सवाल: लेकिन आपको क्या लगता है कि आपको क्यों मारा गया। आपके पास ऐसी क्या जानकारी है, या ऐसा क्या है जिसकी वजह से आपके साथ ऐसी घटना हो?
जवाब: मैंने दिल्ली पुलिस को पूरी बात बता दी है। जो मेरे साथ हुआ, वो शिकायत लिखवा दी है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में इन्वेस्टिगेशन करने दीजिए कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया।
सवाल: पार्टी के राज तो आप भी जानती होंगी, जैसे आप कहती हैं कि बिभव जानते हैं। तो केजरीवाल बिभव को बचा रहे हैं, क्या वे आपको अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे?
जवाब: मैं पार्टी के ऐसे राज नहीं जानती हूं, क्योंकि मैं ऐसे किसी काम में कभी शामिल नहीं रही। ये तो इन्वेस्टिगेशन का मामला है। पार्टी ने क्या धांधलियां की है, या क्या गड़बड़ियां हुई हैं, मैं उनका कभी हिस्सा नहीं रही इसलिए मैं इसे लेकर कुछ नहीं कह पाऊंगी।
सवाल: दिल्ली सीएम ने कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
जवाब: इन लोगों ने तो कोर्ट के बाहर ट्रायल करके मुझे गुनाहगार ठहरा दिया। पार्टी मुझे ही दोषी बता रही है, तो वे कैसे कह सकते हैं कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैंने सिर्फ एक कॉल किया और एक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मैं बहुत दिनों तक चुप रही क्योंकि मुझे निष्पक्ष जांच चाहिए थी। हर रोज कोई डॉक्टर्ड वीडियो, या फर्जी CCTV फुटेज दिखाया जाता है। कभी ये लोग कहते हैं कि मैं भाजपा एजेंट हूं, मेरा कैरेक्टर एसैसिनेशन किया गया, मुझे डराया-धमकाया जा रहा है। तो निष्पक्ष जांच कैसे होगी?