ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी कर ली है. पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र और तेलंगाना में मिली सफलता से ओवैसी काफी उत्साहित हैं. वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 5 सीटों की जीत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में आंशिक सफलता ने उनका मनोबल बढ़ाया. इस सफलता से उत्साहित ओवैसी ने अब अपना फोकस यूपी-बिहार की उन सीटों पर बढ़ा दिया है, जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. माना जा रहा है कि औवेसी यूपी और बिहार में करीब 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। हालांकि, उनका यह कदम अल्पसंख्यक वोटों की उम्मीद कर रही पार्टियों के लिए बड़ा झटका है।
पिछले चुनाव में तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे गये थे
बता दें कि पिछले संसदीय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार उतारे थे. जिसमें तेलंगाना का हैदराबाद, महाराष्ट्र का औरंगाबाद और बिहार का किशनगंज शामिल है। औवेसी फिलहाल हैदराबाद से सांसद हैं. किशनगंज सीट पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार को करीब 3 लाख वोट मिले. किशनगंज में 70 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं. औरंगाबाद में भी पार्टी को जीत मिली.
Ye naam-nehaad party ke dum-chhalle ban kar jo Majlis ki mukhaalifat Hyderabad, Aurangabad ya Seemanchal mein karte hain ye asal mein RSS aur @BJP4India ke hukm par karte hain, Ye nahi chahte hain ki tumhari siyasi taaqat ka qila hamesha bana rahe. pic.twitter.com/0ZvZzTLDaU
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 3, 2024
AIMIM बिहार में 8 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इस बार बिहार में आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. इनमें से चार सीटें सीमांचल की हैं. विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत से उसे यहां अन्य दलों से कड़ी टक्कर मिलना तय है। पार्टी की झारखंड में दो-तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की भी योजना है।
यूपी में AIMIM को 58 सीटों पर कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में AIMIM ने 95 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से 58 सीटों पर उसे कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले. माना जा रहा है कि ओवैसी अमरोहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, संभल और मुरादाबाद में उम्मीदवार उतार सकते हैं। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह यूपी में 10-15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहे हैं.
पश्चिमी यूपी-बिहार पर एक नजर
ओवैसी का मानना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के बाद समाजवादी पार्टी कमजोर हो गई है। वहीं, बंगाल से सटे बिहार के सीमांचल में चार लोकसभा सीटें हैं. इन निर्वाचन क्षेत्रों में किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया शामिल हैं। किशनगंज में मुसलमानों की संख्या सबसे ज्यादा है. यह और