मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सर्वे कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने कमिश्नर नियुक्त करने का फैसला किया है. मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की अपील की है. इस मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
अन्य लंबित आवेदनों पर भी असर पड़ेगा
Shri Krishna Janmabhoomi case:🥳🥳🥳
Now, the Allahabad High Court rejected the arguments of the Shahi Idgah Masjid and approved the survey of the Shahi Idgah complex in Mathura.
The History of Mathura missing in textbook
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— Drake Slayer (@drakeslayer100) December 14, 2023
कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के प्रारंभिक सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है। यह सर्वेक्षण न्यायालय की देखरेख में अधिवक्ता आयुक्तों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा किया जाएगा। शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास स्थित है। गुरुवार को मस्जिद कमेटी के वकील ने कोर्ट के सामने अपनी दलीलें रखीं. उन्होंने कहा कि अगर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई तो अन्य याचिकाओं पर भी असर पड़ेगा. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट-शासित आयोग नियुक्त करने की याचिका स्वीकार कर ली है.
क्या है पूरा विवाद
हिंदू याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद पहले एक हिंदू मंदिर था। याचिकाकर्ताओं का मानना है कि मस्जिद का निर्माण केशवदेव मंदिर के विध्वंस के बाद औरंगजेब के आदेश पर किया गया था। ये साल 1670 में किया गया था. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ईदगाह मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब ने भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर 13.37 एकड़ भूमि पर स्थित एक मंदिर को तोड़कर किया था। याचिकाकर्ताओं ने सर्वेक्षण के दौरान पूरी कार्यवाही की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का अनुरोध किया है। अपने तर्क में उन्होंने कहा है कि कमल के आकार का स्तंभ, शेषनाग की मूर्ति और मस्जिद पर की गई नक्काशी हिंदू मंदिरों की पहचान हैं. ऐसे में यह तो मान ही लिया जाएगा कि यहां पहले कोई हिंदू मंदिर मौजूद था।