केरल में दो चरणों में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के लिए वोटों की गिनती आज सुबह से जारी है, और शुरुआती रुझानों से राज्य की शहरी राजनीति में बड़ा बदलाव आता दिख रहा है। छह प्रमुख कॉरपोरेशनों के रुझानों में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) चार में स्पष्ट बढ़त बनाती दिख रही है।
कॉरपोरेशन में UDF और NDA की स्थिति
UDF ने कोल्लम, कोच्चि और त्रिशूर में साफ बढ़त बना ली है और कन्नूर में भी अपनी जीत बरकरार रखने की मजबूत संभावना है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला NDA तिरुवनंतपुरम में आगे निकल गया है, जिससे राज्य की राजधानी में उसकी जीत लगभग पक्की मानी जा रही है।
यदि भाजपा तिरुवनंतपुरम में जीत हासिल करती है, तो यह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। केरल में भाजपा अभी तक सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई है, और राजधानी में जीत भगवा पार्टी को राज्य की राजनीति में अपनी जड़ें जमाने का अवसर देगी।
तिरुवनंतपुरम में NDA बहुमत के करीब
तिरुवनंतपुरम कॉरपोरेशन में BJP के नेतृत्व वाला NDA बहुमत के निशान के करीब पहुँच रहा है। 101 वार्डों में से NDA 50 वार्डों में आगे चल रहा है, जबकि बहुमत का आँकड़ा 51 है। उम्मीद की जा रही है कि कुछ ही घंटों में भाजपा ये सीट अपने नाम कर लेगी।
यह निर्वाचन क्षेत्र इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यहाँ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर सांसद हैं, हालाँकि इन दिनों कांग्रेस से उनकी कथित दूरी की चर्चाएँ चल रही हैं।
नगर पालिकाओं में BJP का मिला-जुला प्रदर्शन
केरल की नगर पालिकाओं में भाजपा का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है। भाजपा ने तिरुवनंतपुरम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की सफलता हासिल की है। हालाँकि, अन्य महत्वपूर्ण नागरिक निकायों पर कब्ज़ा करने की उसकी उम्मीदें पूरी होती नहीं दिख रही हैं।
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त्रिशूर कॉर्पोरेशन: भाजपा की उम्मीदें त्रिशूर में धूमिल होती दिख रही हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि त्रिशूर केंद्रीय मंत्री और सांसद सुरेश गोपी का क्षेत्र है। भाजपा का प्रदर्शन त्रिशूर कॉर्पोरेशन, कोडुंगल्लूर और शोरनूर नगर पालिकाओं जैसे प्रमुख नागरिक निकायों पर कब्ज़ा करने की उसकी उम्मीदों पर खरा उतरता नहीं दिख रहा है।
कुल मिलाकर, ये स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम यह दर्शाते हैं कि केरल की राजनीति में प्रमुख रूप से वाम दलों और UDF का वर्चस्व बना हुआ है, लेकिन शहरी केंद्रों, विशेषकर राजधानी तिरुवनंतपुरम में, भाजपा ने अपनी पकड़ मज़बूत की है, जो राज्य में एक तीसरी राजनीतिक शक्ति के उदय का संकेत दे सकता है।