Farmers Protest: केंद्र सरकार ने MSP को लेकर दिया प्रस्ताव, 5 पॉइंट में जानें शर्तें और क्या कहते किसान?

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Posted On:Monday, February 19, 2024

किसानों के आंदोलन का आज 7वां दिन है. दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं अभी भी सील हैं. पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. पंजाब-हरियाणा में 22 फरवरी तक इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत की.

#WATCH चंडीगढ़: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "... हम सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उस पर राय लेंगे... निर्णय आज सुबह, शाम या परसों तक लिया जाएगा... मंत्रियों ने कहा कि दिल्ली लौटने के बाद वे अन्य मांगों पर चर्चा करेंगे... चर्चा 19-20… pic.twitter.com/AN1y7U5gUb

— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2024
रविवार शाम को केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई, जिसमें सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के सामने एमएसपी को लेकर प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव में दालों, कपास और मक्का को 5 साल तक एमएसपी पर खरीदने की बात कही गई है।

प्रस्ताव पर क्या कह रहे हैं किसान?

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने इस प्रस्ताव पर बात करते हुए कहा कि हम 2 दिन में इस पर विचार करेंगे और अपना फैसला सरकार को बता देंगे. सरकार इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों से चर्चा करेगी और उनकी सलाह लेगी. प्रस्ताव पर आज या कल फैसला लिया जाएगा.

#WATCH | Chandigarh: Union Minister Piyush Goyal says, "The farmers' union will tell us their decision by morning. We will also have discussions with NCCF and NAFED after returning to Delhi..." pic.twitter.com/rSzqom0bMq

— ANI (@ANI) February 18, 2024
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि दिल्ली चलो मार्च को इन 2 दिनों के लिए टाल दिया गया है, लेकिन अगर किसान संगठन सरकार के प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुए तो 21 फरवरी को प्रस्तावित 'दिल्ली चलो' मार्च पर फैसला लिया जाएगा. हम भी चाहते हैं कि सरकार और किसान संगठन मिल-बैठकर कोई समाधान निकालें.

किसानों और सरकार के बीच 4 बैठकें हो चुकी हैं

आपको बता दें कि रविवार 18 फरवरी को चंडीगढ़ में सरकार और किसानों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल हुए थे. सरवन पंधेर और जगजीत दल्लेवाल समेत 14 किसान नेता बैठक में आए. बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत खुदियां ने भी दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की. रविवार से पहले किसानों और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को बैठकें हुईं, जो विफल रहीं.

So called farmers are protesting with a poster of:

1) Terrorist Bhindranwale
2) Khalistani leader Amritpal Singh
3) Khalistan supporter Deep Sidhu

Is this just a farmers' protest? pic.twitter.com/c2Bi6l4bfS

— Anshul Saxena (@AskAnshul) February 17, 2024

यह प्रस्ताव सरकार की ओर से दिया गया है

रविवार को हुई बैठक के बाद मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बात की और कहा कि सरकार ने सहकारी समितियों एनसीसीएफ (नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) और नाफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) को एमएसपी पर दाल खरीदने के लिए कहा है. . इसके लिए सहकारी समितियां किसानों से 5 साल का अनुबंध करेंगी।

भारतीय कपास निगम (सीसीआई) भी किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदने को इच्छुक है। इसके लिए किसानों को 5 साल का अनुबंध करने का भी प्रस्ताव दिया गया है. सरकार के प्रस्ताव पर किसान चर्चा करेंगे और अपना फैसला सुनाएंगे. मुलाकात में उनसे अच्छे माहौल में बातचीत हुई. किसानों का निर्णय जानने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ਮੈਂ ਨਹੀਂ ਚਾਹੁੰਦਾ ਕਿ ਕੋਈ ਜਾਨੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋਵੇ... ਬੈਠ ਕੇ ਗੱਲਬਾਤ ਨਾਲ ਹੀ ਮਸਲੇ ਦਾ ਹੱਲ ਲੱਭਿਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ...ਮੈਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਤੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨਾਲ ਖੜਾ ਹਾਂ... ਬਤੌਰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਜਾਨ, ਮਾਲ ਤੇ ਆਰਥਿਕਤਾ ਦੀ ਰਾਖੀ ਕਰਨਾ ਮੇਰਾ ਫ਼ਰਜ਼ ਹੈ... pic.twitter.com/oHBlRG393D

— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 18, 2024

किसान केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है. किसान केंद्र सरकार पर अपनी मांगें पूरी करने का दबाव बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने 'दिल्ली चलो' आंदोलन का आह्वान किया है, जिसके चलते हजारों किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं.

किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करे. इसके लिए किसानों ने 12 फरवरी को दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया, इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, लेकिन उन्हें दिल्ली बॉर्डर तक नहीं पहुंचने दिया गया.


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