मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट किसानों और महिलाओं पर केंद्रित हो सकता है. दरअसल, बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपने वोट बैंक में जोश भरने और लोकसभा चुनाव में मिली हार से उपजी निराशा को दूर करने की कोशिश कर रही है. बजट से जुड़े अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्र सरकार किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाकर 12 हजार सालाना कर सकती है. यानी एक हजार रुपये प्रति माह. फिलहाल किसानों को सालाना 6 हजार रुपये तीन किस्तों में मिलते हैं. यह रुपया उन सभी किसानों को दिया जाता है जिनके पास जमीन है। इसके साथ ही सरकार अब यह रकम तिमाही की बजाय मासिक तौर पर खाते में भेजने की व्यवस्था कर सकती है.
किसानों के साथ मोदी सरकार के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसान एक मजबूत वोट बैंक हैं। वहीं, किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें कानूनी एमएसपी की गारंटी दे. इसलिए बीजेपी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पैसा देकर किसानों का रुख अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है.
गरीब महिलाओं के लिए पिटारा खोला जा सकता है
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को सालाना 1 लाख रुपये देने की योजना की घोषणा कर सकती है। मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट ऐसे समय आ रहा है जब बीजेपी सत्ता में बने रहने के लिए जेडीयू और टीडीपी पर निर्भर है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी के वोट शेयर में गिरावट दर्ज की गई है. पार्टी बजट घोषणाओं के जरिए अपने वोट बैंक को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रही है.
सीएसडीएस के एक विश्लेषण में कहा गया है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 36 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया, जबकि 37 प्रतिशत पुरुषों ने। 2014 से बीजेपी का फोकस लाभार्थियों, खासकर महिलाओं पर रहा है. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मुफ्त एलपीजी योजना के जरिए दांव खेला था. मध्य प्रदेश चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना बीजेपी के लिए कारगर साबित हुई.
प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ेगा
नरेंद्र मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना एक सफलता की कहानी रही है। इस बजट में योजना के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जा सकता है. 12 जून 2024 तक 2.94 करोड़ आवास इकाइयों के आवंटन को मंजूरी दी गई है। वहीं, 2.62 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है. इसलिए सरकार इस सफल योजना के लिए अपनी जेब ढीली कर सकती है.
अगले छह महीनों में बीजेपी को महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव का सामना करना है. झारखंड में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी संगठन की ओर से केंद्रीय नेतृत्व को मिले फीडबैक में कहा गया है कि किसानों, युवाओं और महिलाओं पर फोकस करने की जरूरत है.